गुरु ही हमारे जीवन के सच्चे मार्गदर्शक और रक्षक होते हैं, जो हमें परमात्मा से जोड़ने का कार्य करते हैं। जब हम उनके चरणों में श्रद्धा और समर्पण से जुड़ते हैं, तो हमें ईश्वर की अनुभूति होती है। “मेरे गुरु ही गोविंद हैं दूसरा ना कोई” भजन इसी गहरे सत्य को प्रकट करता है, जहां भक्त अपने गुरु को ही गोविंद स्वरूप मानता है और उनके बिना जीवन अधूरा महसूस करता है। इस भजन को पढ़ते या करते समय हमें एहसास होता है कि गुरु के बिना जीवन में आध्यात्मिक उन्नति संभव नहीं।
Mere Guru Hi Govind Hai Dusra Na Koi
मेरे गुरु ही गोविन्द है,
दूसरा ना कोई,
मेरे संत ही भगवंत है,
दूसरा ना कोई।।
करता करे ना कर सके,
गुरु किए सब होय,
सात द्वीप नवखण्ड में,
गुरु से बड़ा ना कोय,
मेरे गुरु ही गोविंद है,
दूसरा ना कोई,
मेरे संत ही भगवंत है,
दूसरा ना कोई।।
प्याला प्रभु के प्रेम का,
गुरु ने दियो पिवाय,
पी करके मस्ती चढ़ी,
आनंद उर ना समाय,
मेरे गुरु ही गोविंद है,
दूसरा ना कोई,
मेरे संत ही भगवंत है,
दूसरा ना कोई।।
गुरु गुरु गोविन्द गुरु,
गोविन्द गुरु गोविन्द,
गुरु गोविन्द दोऊ एक है,
गुरु में दरसे गोविन्द,
मेरे गुरु ही गोविंद है,
दूसरा ना कोई,
मेरे संत ही भगवंत है,
दूसरा ना कोई।।
मेरे गुरु ही गोविन्द है,
दूसरा ना कोई,
मेरे संत ही भगवंत है,
दूसरा ना कोई।।
गुरुदेव ही भक्तों के गोविंद होते हैं, जिनकी कृपा से जीवन में हर सुख, शांति और मोक्ष प्राप्त होता है। यदि यह भजन आपको भक्ति और श्रद्धा से भरता है, तो “पगलिया पूजो रे गुरु जी का चंदन घोल घोल कर”, “नमो नमो रामा गुरु वंदन जगत जड़या मोहे काढ़ लिया”, “गुरुदेव बिना इस जीवन के अंधकार को कौन मिटाएगा” और “गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरुदेव की महिमा में और अधिक रम जाएं।
मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩