गुरुदेव के चरणों में समर्पण करने से जीवन में हर कठिनाई का समाधान संभव हो जाता है। जब भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करता है, तो गुरुदेव अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं और हर संकट से रक्षा करते हैं। “मेरे परिवार की रखना सदा तुम लाज गुरुजी” भजन इसी श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है, जिसमें एक भक्त अपने परिवार की सुरक्षा और कल्याण के लिए गुरुदेव से प्रार्थना करता है। जब हम इस भजन को पढ़ते या करते हैं, तो गुरुदेव की अपार कृपा का अहसास होता है।
Mere Parivar Ki Rakhna Sada Tum Laaj Guruji
मेरे परिवार की रखना,
सदा तुम लाज गुरुजी,
के तेरे चरणों में है,
मेरा परिवार गुरुजी,
मेरे परीवार की रखना,
सदा तुम लाज गुरुजी।।
मेरे बच्चों के सर पर हो,
तेरा हाथ गुरुजी,
बहुत ही प्यारा दिया है,
यह संसार गुरुजी,
तुम सरकारों के हो,
सरकार गुरुजी,
मेरे परीवार की रखना,
सदा तुम लाज गुरुजी।।
मेरे इस घर आंगन को,
सदा खुशहाल ही रखना,
तेरे बच्चे हैं हम तो,
हमें संभाल के रखना,
के तेरे हाथों में है,
मेरी पतवार गुरुजी,
मेरे परीवार की रखना,
सदा तुम लाज गुरुजी।।
आज मैं खुश हूं सुखी हूं,
तेरा धन्यवाद गुरु जी,
तेरी ममता की छाया,
मिली है आज गुरुजी,
के सब के भाग जगाए,
तेरा दरबार गुरुजी,
मेरे परीवार की रखना,
सदा तुम लाज गुरुजी।।
गुरूजी इतना दिया है,
कैसे शुक्र करूं मैं,
जब तक सांस चलेगी,
तेरा ही जिक्र करूँ मैं,
कि तेरी देन है दाता,
हर एक सांस गुरुजी,
मेरे परीवार की रखना,
सदा तुम लाज गुरुजी।।
ओम नमः शिवाय,
शिवजी सदा सहाय,
ओम नमः शिवाय,
गुरुजी सदा सहाय।।
मेरे परिवार की रखना,
सदा तुम लाज गुरुजी,
के तेरे चरणों में है,
मेरा परीवार गुरुजी,
मेरे परीवार की रखना,
सदा तुम लाज गुरुजी।।
गुरुदेव की कृपा से भक्त और उसका परिवार सदा सुखी और सुरक्षित रहता है। उनका आशीर्वाद हर परिस्थिति में संबल प्रदान करता है। यदि यह भजन आपके हृदय को शांति और श्रद्धा से भरता है, तो “सतगुरु देव मनाया हमने”, “गुरुदेव की महिमा अपरंपार”, “तेरी रहमतों का दरिया” और “गुरु की महिमा गाते जाओ” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरुदेव की भक्ति में रम जाएं।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म