भारत की इस पुण्य धरा पर शुभ परिवर्तन लायेगें भजन देश के उज्जवल भविष्य और सकारात्मक बदलाव की उम्मीद से भरपूर है। यह गीत हमें अपने देश की प्रगति के लिए एकजुट होकर काम करने की प्रेरणा देता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम अपने भारत के विकास में भागीदारी निभाएं।
Bharat Ki Is Punya Dhara Par Shubh Parivartan Layenge Lyrics
भारत की इस पुण्य धरा पर,
शुभ परिवर्तन लायेगें,
सारे दोष हटायेंगे…
सारे भेद मिटायेंगे,
सारे दोष हटायेंगे…
सारे भेद मिटायेंगे,
भारत की इस पुण्य धरां पर।।
अपना धर्म समाज है एक,
भाषा जाती पंथ अनेक….
अपना धर्म समाज है एक,
भाषा जाती पंथ अनेक,
कालजयी हिन्दूत्व सुधारस…
कालजयी हिन्दूत्व सुधारस,
रात दिवस छलकायेंगे,
सारे दोष हटायेंगे…
सारे भेद मिटायेंगे,
भारत की इस पुण्य धरां पर।।
अपना श्रम कौशल्य निखारे,
सुखमय सबका रूप सवारे…
अपना श्रम कौशल्य निखारे,
सुखमय सबका रूप सवारे,
न्याय सुनीती सेे परिपूर्ण…
विकास पथ अपनायेंगे,
सारे दोष हटायेंगे,
सारे भेद मिटायेंगे,
भारत की इस पुण्य धरां पर।।
अपना सोया गौरव जागे,
स्वार्थ भावना मन से त्यागे…
अपना सोया गौरव जागे,
स्वार्थ भावना मन से त्यागे,
सुगठीत होकर चले निरंतर…
सुगठीत होकर चले निरंतर,
दैवीय वैभव पायेंगे,
सारे दोष हटायेंगे…
सारे भेद मिटायेंगे,
भारत की इस पुण्य धरां पर।।
भारत की इस पुण्य धरा पर,
शुभ परिवर्तन लायेगें…
सारे दोष हटायेंगे,
सारे भेद मिटायेंगे,
सारे दोष हटायेंगे…
सारे भेद मिटायेंगे,
भारत की इस पुण्य धरां पर।।
देश के विकास और उज्जवल भविष्य की कामना से भरा यह भजन भारत की इस पुण्य धरा पर शुभ परिवर्तन लायेगें हमें देश प्रेम और समर्पण की भावना को बढ़ाने की प्रेरणा देता है। इसी भावना को बनाए रखते हुए आप यह यह कल कल छल छल बहती क्या कहती गंगा धारा लिरिक्स, रक्त शिराओं में राणा का रह रह आज हिलोरे लेता लिरिक्स, सरहद तुझे प्रणाम देशभक्ति गीत लिरिक्स को भी पढ़ सकते हैं, जो हमारे देश प्रेम को और प्रगाढ़ करते हैं।