भोले तेरी निराली शान करे जगत का तू कल्याण भजन भगवान शिव की अपार महिमा और शक्ति को दर्शाता है। यह भजन उनकी अद्वितीय शान और शक्ति को व्यक्त करता है, जो समस्त संसार के कल्याण के लिए समर्पित हैं। भोलेनाथ की भक्ति में वह शक्ति है, जो हर अंधकार को नष्ट कर देती है और हर दिल में उजाला भर देती है। यह भजन शिव जी के दिव्य रूप, उनके स्नेह और उनकी आशीर्वाद देने वाली शक्ति का सम्मान करता है।
Bhole Teri Nirali Shan Kare Jagat Ka Tu Kalyan
भोले तेरी निराली शान,
करे जगत का तू कल्याण।
सबको शरण में रखले अपनी,
तुझसा नहीं महान।
ओ भोले तेरा जवाब कहाँ,
भोलें तेरी निराली शान।।
दुःख का है सागर जीवन।
मानव का सारा,
सुख का है एक ही कतरा,
तेरा सहारा,
उसी एक कतरे को।
पीना मैं चाहूँ,
तेरे दरश में बीते।
जीवन ये सारा,
ओ भोले तेरा जवाब कहाँ,
भोलें तेरी निराली शान।।
सारा जगत है भोले,
तेरी ही माया।
मानव हूँ मैं मेरी,
नश्वर है काया,
तेरे नाम पे अपना।
जीवन लुटा दूँ,
रहे मेरे सर पे,
सदा तेरा साया।
ओ भोले तेरा जवाब कहाँ,
भोलें तेरी निराली शान।।
सारे जगत के हित में,
गंगा को धारा।
जिसने भी तुझे पुकारा,
उसको उबारा।
मेरी भी सुनले विनती,
ओ मेरे भोले,
मैं कर दूँ अर्पण।
अपना तन मन ये सारा,
ओ भोले तेरा जवाब कहाँ,
भोलें तेरी निराली शान।।
भोले तेरी निराली शान,
करे जगत का तू कल्याण।
सबको शरण में रखले अपनी,
तुझसा नहीं महान,।
ओ भोले तेरा जवाब कहाँ,
भोलें तेरी निराली शान।।
भोलेनाथ की शान निराली है, और वे सदैव अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। उनकी महिमा अनंत है, जो हर दुख, हर समस्या को दूर करने की क्षमता रखती है। शिव के भजनों में हम जीवन की सच्चाई और शक्ति को महसूस कर सकते हैं। अगर आप शिव शंकर की महिमा, भोलेनाथ का आशीर्वाद, और “शिव के आशीर्वाद में समर्पण” जैसे भजनों को पढ़ते हैं, तो आप शिव जी की कृपा से जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile