मेरे शिव शंकर भोले मन के मंदिर में पधारो लिरिक्स

मेरे शिव शंकर भोले मन के मंदिर में पधारो भजन शिवभक्त की उस गहन पुकार को दर्शाता है, जहाँ वह अपने अंतरतम भाव से भगवान शिव से आग्रह करता है कि वे उसके हृदय में वास करें। मैं, पंडित सत्य प्रकाश, आज इस भावनात्मक और श्रद्धा से परिपूर्ण भजन को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसमें मन के मंदिर को भोलेनाथ के चरणों का स्थान बनाकर सच्ची भक्ति की अनुभूति होती है।

Mere Shiv Shankar Bhole Man Ke Mandir Me Padharo

मेरे शिव शंकर भोले,
मन के मंदिर में पधारो।
मेरे भी भाग संवारो,
भोले मेरे भी भाग संवारो।।

साँझ सवेरे करूँ पूजा मैं तेरी,
विनती सुनो भोलेनाथ अब मेरी।
तेरे चरण में मैं तो ध्यान लगाऊं,
बस तेरी माला जपूँ तेरे गुण गाऊं।
हे ओघडदानी सुन लो,
अब तो कुछ मन में विचारो।
मेरे भी भाग संवारो,
भोले मेरे भी भाग संवारो।।


तेरी भक्ति से पाया अन्न धन सोना,
सब दुःख दूर हुए काहे का रोना।
तेरी कृपा से छुटे दुनिया के बंधन,
अर्पण करूँ मैं तुम्हे अपना ये तन मन,
तुम ही पिता परमेश्वर।
बेटा समझ के दुलारों,
मेरे भी भाग संवारो,
भोले मेरे भी भाग संवारो।।


मेरे शिव शंकर भोले,
मन के मंदिर में पधारो।
मेरे भी भाग संवारो,
भोले मेरे भी भाग संवारो।।


मेरे शिव शंकर भोले मन के मंदिर में पधारो
भजन शिवभक्तों के लिए एक सुंदर साधना है, जिसमें अपने अंतर को शुद्ध करके भगवान शिव को निवास हेतु आमंत्रित किया जाता है। यह भजन केवल एक गीत नहीं, बल्कि आत्मा की पुकार है भोले के लिए एक पवित्र आमंत्रण। इसे पढ़कर शिवभक्ति की गहराई और उनकी करुणा का अनुभव होता है। आप सभी श्रद्धालु शिव ही सत्य है शिव ही सुन्दर, शिव शम्भू सा निराला कोई देवता नहीं है, शिव की जटा से बरसे गंगा की धार है, और हे शिव भोले भंडारी मैं आया शरण तिहारी जैसे अन्य शिव भजनों को भी अवश्य करें, जिससे शिव कृपा सदा आप पर बनी रहे।









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