जय हो जय हो महाकाल राजा तेरी किरपा की छाई है छाया

जय हो जय हो महाकाल राजा तेरी किरपा की छाई है छाया भजन में महाकाल की असीम कृपा और उनके दरबार की महिमा का वर्णन किया गया है। यह भजन महाकाल की भव्यता और उनके भक्तों पर उनकी विशेष कृपा का गान है। महाकाल के दर्शन से मनुष्य की सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है, और उनकी कृपा से जीवन में शांति और सुख आता है। इस भजन में महाकाल के भक्त उनकी आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयों को पार करने की बात करते हैं।

Jay Ho Jay Ho Mahakal Raja Teri Kirapa Ki Chhai Hai Chhaya

जय हो जय हो महाकाल राजा,
तेरी किरपा की छाई है छाया।
हर तरफ तू ही तू है समाया,
धन्य तेरी है तेरी ही माया।
जय हो जय हो महाकाँल राजा,
तेरी किरपा की छाई है छाया।।

तुमने देवो को अमृत दिया है,
आपने खुद ही विष को पिया है।
देवताओं का मान बडाया,
सागरमंथन के विष से बचाया।
जय हो जय हो महाकाँल राजा,
तेरी किरपा की छाई है छाया।।

वरदानी हो भोले कैलाशी
डमरू वाले है काशी के वासी।
गले सर्पो का हार सजाया,
सर भभुति का टीका लगाया।
जय हो जय हो महाकाँल राजा,
तेरी किरपा की छाई है छाया।।

भोले जिसने भी तुमको पुकारा,
तुमने उनको दिया है सहारा।
सारे भगतो का कष्ट मिटाया,
तेरे चरणो में ‘शिवाजी’ आया।
जय हो जय हो महाकाँल राजा,
तेरी किरपा की छाई है छाया।।

जय हो जय हो महाकाल राजा,
तेरी किरपा की छाई है छाया।
हर तरफ तू ही तू है समाया,
धन्य तेरी है तेरी ही माया।
जय हो जय हो महाकाँल राजा,
तेरी किरपा की छाई है छाया।।


महाकाल की महिमा का कोई अंत नहीं है, और उनकी कृपा से जीवन में संजीवनी मिलती है। जैसे महाकाल के दर पे और महाकाल की शरण में भजन हमें महाकाल के आशीर्वाद का अनुभव कराते हैं, वैसे ही इस भजन में महाकाल की दिव्यता और उनके भक्तों पर उनकी अनंत कृपा को महसूस किया जाता है। महाकाल के दर पर आकर हर व्यक्ति का जीवन सुधर जाता है और उनकी कृपा से हर कठिनाई आसान हो जाती है। महाकाल की भक्ति में ही सबका कल्याण है।









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