पोढो पोढो जी ताड़क जी डमरू हाळा भजन लिरिक्स

पोढ़ो पोढ़ो जी ताड़क जी डमरू हाळा एक सुंदर भजन है जो भोलेनाथ के रूप और उनके अद्वितीय रूप में भक्तों के प्रति प्रेम को व्यक्त करता है। इस भजन में ताड़क जी के माध्यम से शिव के गुणों और शक्तियों का गान किया जाता है। शिव के डमरू की ध्वनि में वह शक्ति छिपी है, जो संसार के सारे दुखों और संकटों को हरने में सक्षम है। यह भजन भक्ति के साथ-साथ भक्तों को शिव के प्रति अपनी आस्था और प्रेम को मजबूत करने की प्रेरणा देता है।

Podho Podho Ji Tanak Ji Damaru Hala…

पोढो पोढो जी ताड़क जी,
डमरू हाळा…
आराम करो जी,
पीवो भंग प्याळा।।

गणपति सैय्या लेकर आया,
कार्त्तक वांनै खूब सजाया…
कवै पार्बती जी सोवो मतवाळा,
आराम करो जी,
पीवो भंग प्याळा।।

नन्दीगण बी ऊबो झांको,
थोड़ो ध्यान करो प्रभु आंको…
थेई सब जग नै पालण हाळा,
आराम करो जी,
पीवो भंग प्याळा।।

जितरा भगत आपकै आग्या,
वांका भाग प्रभुजी जाग्या…
दरसण करतां ई दुःख भाग्या,
सैं की नैय्या पार लगाबाळा…
आराम करो जी,
पीवो भंग प्याळा।।

पोढो पोढो जी ताड़क जी,
डमरू हाळा…
आराम करो जी,
पीवो भंग प्याळा।।

भोलेनाथ का डमरू उनकी शक्तियों और अनंत महिमा का प्रतीक है, जो हर परिस्थिति में भक्तों के साथ रहते हैं। जैसे डमरू बाजे शिव शंकर के और महाकाल की शरण में भजन शिव के अनमोल दर्शन और उनकी असीम कृपा काअनुभव कराते हैं, वैसे ही यह भजन भी शिव के हर रूप और उनकी शक्ति को व्यक्त करता है। शिव की भक्ति में सच्ची शांति और सुख मिलता है, और उनके दर पर आने से हर भक्त का जीवन उज्जवल हो जाता है।









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