लेके गौरा जी को साथ भोले बाबा भोलेनाथ भजन लिरिक्स

लेके गौरा जी को साथ भोले बाबा भोलेनाथ एक भक्ति गीत है जिसमें भगवान शिव और उनकी पत्नी पार्वती (गौरा) के मिलन का सुंदर वर्णन किया गया है। यह भजन भगवान शिव की महिमा और उनके आशीर्वाद की शक्ति को दर्शाता है। इस गीत के माध्यम से भक्त भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं, साथ ही गौरा जी के साथ उनके दिव्य मिलन का आदान-प्रदान भी प्रस्तुत करते हैं।

Leke Gaura Ji Ko Sath Bhole Baba Bholenath

लेके गौरा जी को साथ,
भोले बाबा भोलेनाथ।
काशी नगरी से आये है शिव शंकर,
देखो भूतनाथ सरकार।
होकर नंदी पे असवार,
काशी नगरी से आये है शिव शंकर।।


नंदी पे सवार होके डमरू बजाते,
चले आ रहे है भोले हरि गुण गाते।
पहने नर मुंडो की माल,
ऊपर से बांधे मृगछाल।
काशी नगरी से आये है शिव शंकर,
लेके गौराजी को साथ।
भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आये है शिव शंकर।।


हाथ में त्रिशूल लिए भस्मी रमाये,
झोली गले में डाले गोकुल में आये।
पहुंचे नंद बाबा दे द्वार,
भोले बाबा भोलेनाथ।
काशी नगरी से आये है शिव शंकर,
लेके गौराजी को साथ।
भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आये है शिव शंकर।।


बोले यशोदा से कहाँ है कन्हैया,
दरश दिखा दो हम तो लेंगे बलैया।
सुनकर नारायण अवतार,
आया हूँ मैं तेरे द्वार।
काशी नगरी से आये है शिव शंकर,
लेके गौराजी को साथ।
भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आये है शिव शंकर।।


बोली यशोदा मैया जाओ जी जाओ,
द्वार पे मेरे ना डमरू बजाओ।
मेरा नन्हा सा गोपाल,
तू कोई देगा जादू डाल,
काशी नगरी से आये है शिव शंकर।
लेके गौराजी को साथ,
भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आये है शिव शंकर।।


इतनी सुनकर भोले हसे खिलखिलाकर,
बोले यशोदा से डमरू बजाकर।
जाकर देख अपना लाल,
मिलने को है वो बेहाल,
काशी नगरी से आये है शिव शंकर।
लेके गौराजी को साथ,
भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आये है शिव शंकर।।


इतने में मोहन आये बंसी बजाते,
यशोदा भी देखे और भोला भी देखे।
देखे है ये सब नर नार,
जमाना ये कृष्ण अवतार,
काशी नगरी से आये है शिव शंकर।
लेके गौराजी को साथ,
भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आये है शिव शंकर।।


लेके गौरा जी को साथ,
भोले बाबा भोलेनाथ।
काशी नगरी से आये है शिव शंकर,
देखो भूतनाथ सरकार।
होकर नंदी पे असवार,
काशी नगरी से आये है शिव शंकर।।


भगवान शिव की महिमा अत्यंत अपरंपार और अवर्णनीय है। लेके गौरा जी को साथ भोले बाबा भोलेनाथ भजन हमें शिव जी के अद्वितीय रूप और उनकी अपार कृपा का एहसास कराता है। जब हम उनकी भक्ति में मग्न होते हैं, तो हमें हर प्रकार की भक्ति और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। शिव जी के अन्य भजनों, जैसे शिव महिमा स्तोत्र, भोलेनाथ की आरती और महाकाल की महिमा को पढ़ने से हमारी भक्ति और भी प्रगाढ़ होती है। इन भजनों के माध्यम से हम अपने जीवन को शिव की कृपा से सजग और धन्य बना सकते हैं।









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