हे शिव शंकर डमरुधारी गंगाधारी हे त्रिपुरारी भजन लिरिक्स

हे शिव शंकर डमरुधारी गंगाधारी हे त्रिपुरारी इस भजन में शिव जी के तीन रूपों की महिमा का वर्णन किया गया है। डमरू बजाते हुए शिव जी के रूप में उनका लयबद्ध आह्वान, गंगा को अपने जटाओं में धारण करने वाला रूप, और त्रिपुरारी के रूप में उनके अद्वितीय शक्तिशाली स्वरूप को दर्शाया गया है। इस भजन के माध्यम से हम भगवान शिव की महानता और उनके दिव्य रूपों का ध्यान करते हैं। मैं, पंडित सत्य प्रकाश, इस भजन के साथ आपको शिव जी की शक्ति और कृपा के अनुभव की प्रेरणा देता हूँ।

Hey Shiv Shankar Damarudhari Gangadhari Hey Tripurari

हे शिव शंकर डमरुधारी,
गंगाधारी हे त्रिपुरारी,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

तन भस्मी और सर्प की माला,
अद्भुत शिव का रूप निराला,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

बाघम्बर तव तन पे विराजे,
माथे पर है चंदा साजे,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

कानन में बिच्छू के कुण्डल,
हाथ त्रिशूल और डमरू कमंडल,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

जय शंकर जय त्रिनेत्र धारी,
भक्त जनो की विपदा टारि,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

नंदी पर असवार जो आते,
सबके दुखड़े आप मिटाते,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

गणपति गौरा संग विराजे,
कार्तिक नंदी संग में साजे,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

है कैलाश पे तुम्हरा वासा,
पूरण करते सबकी आशा,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

बारह ज्योतिर्लिंग तुम्हारे,
कलियुग में है सांचे सहारे,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

सोमनाथ जय मल्लिकार्जुन,
महाकालेश्वर ओम्कारेश्वर,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

ऊँचे पर्वत केदारनाथा,
भीमाशंकर दीनानाथा,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

विश्वनाथ की महिमा भारी,
त्रयंभकेश्वर दर्शन सुखकारी,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

वैद्यनाथ धाम स्वर्ग से पावन,
नागेश्वर है अतिमनभावन,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

रामेश्वर दक्षिण में साजे,
घृणेश्वर डमरू ध्वनि बाजे,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

इनका दर्शन जिसने पाया,
शिव शंकर ने पार लगाया,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

हे शिव शंकर डमरुधारी,
गंगाधारी हे त्रिपुरारी,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।

हे शिव शंकर डमरुधारी गंगाधारी हे त्रिपुरारी भजन में शिव जी के उन रूपों का ध्यान किया गया है, जिनसे उनके भक्तों को शांति, सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। शिव जी का डमरू बजाना एक आशीर्वाद है, जो जीवन को संतुलित और पूर्ण बनाता है। उनकी महिमा का गान करने से हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही, आप शिव शंकर भोलेनाथ तेरा डमरू बाजे पर्वत पे, जय महाकाल की बारात में, भोले तेरे भक्तों को तेरा ही सहारा है, और चला महाकाल की नगरिया में जैसे भजनों को भी पढ़ें, ताकि आपकी शिव भक्ति और भी दृढ़ हो। जय शिव शंकर!









Leave a comment