कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन यह भजन हनुमान जी के बचपन की वीरता और ताकत को याद करता है। यह भजन हमें उनकी शूरवीरता और अद्भुत शक्ति के बारे में बताता है। बचपन में ही हनुमान जी ने असंख्य करतब किए थे, जिनका हर कोई कायल था। यह भजन उनके अद्भुत साहस और उनके साथ जुड़ी घटनाओं को हमारे दिलों में जीवित करता है, जिससे हम हनुमान जी के बारे में और अधिक समझ सकते हैं।
Kuch Yaad Karo Apna Pawansut Vo Balpan
कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन,
अब जागो हे अंजनी कुमार,
लंका की और प्रयाण करो…
हे भूतकाल के विकट वीर,
तुम वर्तमान निर्माण करो…
हम सब चिंता मे डूबे है,
माता का पता लगाओ तुम…
दूखियो का दुखडा दुर करो,
संकटमोचन कहलाओ तुम॥
कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन…
वीध्युत की गति जिसमे थी अद्भुत वो बालपन,
कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन॥
दुनिया थी दंग देख तुम्हारी उड़ान को,
तुमने हिला के रख दिया था आसमान को…
आकाश तुम्हारे लिये था एक अखाडा,
जिसने भी ली टक्कर उसे पल भर मे पछाडा…
बिजली की तरह लपके थे सूरज की तरफ़ तुम,
मुखडे मे छुपाकर के दिवाकर को किया गुम,
तुम खा गये धधकता हुआ अग्नि का गोला…
ताकत तुम्हारी देखके ब्रम्हन्ड था डोला,
हनुमान जी कहाँ गई वो शक्ति विलक्षण,
कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन॥
फ़िर एक नया दुश्मन तुम्हे ललकारने लगा,
आँखे दिखा के शेखिया बघारने लगा, राहू…
उसको दे मारी तुमने लात बात बात मे,
पापी को किया मात तुमने बात बात मे,
जब राहु गया हार तो फ़िर इन्द्र भी आया….
झुंझला के उसने तुमपे अपना वज्र चलाया,
और अंत मे सब हो गया झगड़ों का सफाया,
तब देवों ने मिलकर तुम्हे वज्राँग बनाया…
है आज कसौटी तुम्हारी ओ केसरी नँदन,
कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन॥
तुम शक्ति पुंज हो किसी से डर नही सकते,
ऐसा ना कोई काम जो तुम कर नही सकते…
उठो छलाँग मारो बजरंगबली,
आकाश को ललकारो बजरंगबली…
भीषण स्वरूप धारों बजरंगबली,
संकट से तुम उबारो बजरंगबली,
उठो बजरंगबली जागो बजरंगबली॥
कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन…
वीध्युत की गति जिसमे थी अद्भुत वो बालपन,
कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन॥
हनुमान जी की वीरता का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। उनके बचपन के अद्वितीय कारनामों से हमे सिखने को मिलता है कि हर मुश्किल से जूझने की शक्ति हमारे अंदर भी है। हनुमान जी की पूजा करने से हमे न केवल भक्ति का अनुभव होता है, बल्कि हमें जीवन के हर क्षेत्र में साहस, शक्ति और सफलता मिलती है। हनुमान जी की कृपा हमेशा हमारे साथ रहे, जय हनुमान!

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile