बोले श्री राम बिलख के मूर्छित मेरा भाई है भजन लिरिक्स

बोले श्री राम बिलख के मूर्छित मेरा भाई है एक भावपूर्ण भजन है, जो भगवान राम और उनके भक्त हनुमान के बीच के अद्भुत रिश्ते को दर्शाता है। यह भजन उस समय को याद करता है जब हनुमान जी को लंका में बंधी हुई स्थिति में देखकर प्रभु श्री राम की चिंता और वेदना का अहसास होता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि प्रभु श्री राम अपने भक्तों के प्रति कितने दयालु और प्यार करने वाले हैं, और वे हर स्थिति में अपने भक्तों के साथ खड़े रहते हैं।

Bole Shri Ram Bilakh Ke Murchhit Mera Bhai Hai

बोले श्री राम बिलख के,
मूर्छित मेरा भाई है।
श्लोक– देखिये किस्मत का खेला,
व्याकुल है श्री राम
संजीवन ला दे मुझे,
हे पवन पुत्र हनुमान।।

बोले श्री राम बिलख के,
मूर्छित मेरा भाई है
विपदा की रात उमड़ के,
सिर पे मेरे छाई है
लक्ष्मण के बिना अवध में,
कैसे अब जाऊंगा
पूछेगी मात सुमित्रा,
तो क्या मैं बतलाऊँगा।।

बोले तब वीर पवनसुत,
रघुकुल रघुराई को
मरने ना दूंगा मैं प्रभु,
लक्ष्मण बलदायी को,
तेरा बस एक इशारा
रघुवर पा जाऊंगा,
पलभर में काल बलि को,
कच्चा खा जाऊंगा।।

बोले रघुनाथ तू हनुमत,
तू प्राणो से प्यारा है
संकट से हरदम हमको,
तुमने उबारा है
तेरा उपकार भला मैं,
कैसे भुलऊँगा
तुमसा हितकारी सेवक,
और कहाँ पाउँगा।।

आज्ञा दो नाथ संजीवन,
लेने मैं जाऊंगा
सूरज उगने से पहले,
बूटी ले आऊंगा
आज्ञा दी राम ने बजरंग,
पर्वत ले आए है
बूटी पीला के ‘शर्मा’
लक्ष्मण जीलाये है।।

रघुवर के नैनो में तब,
भर आया पानी है
हनुमत को गले लगाकर,
बोले यूँ बाणी है
मेरा वरदान है हनुमत,
खाली ना जाएगा
युग युग तेरे नाम का झंडा,
जग में लहराएगा।।

बोले श्री राम बिलख के मूर्छित मेरा भाई है भजन न केवल श्री राम और हनुमान जी के अटूट रिश्ते को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि भक्ति में शक्ति और प्रेम का कितना गहरा प्रभाव होता है। हनुमान जी की निष्ठा और उनके प्रति श्री राम का प्रेम सभी भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। भगवान राम और हनुमान जी के इस अटूट रिश्ते की महिमा का अनुभव करने के बाद, भक्तों का विश्वास और आस्था और भी मजबूत हो जाता है। इस भजन के माध्यम से हम भी महसूस कर सकते हैं कि जब हम अपने प्रभु की भक्ति पूरी श्रद्धा और समर्पण से करते हैं, तो वे हमेशा हमारे साथ होते हैं और हमारे संकटों का निवारण करते हैं।

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