भगवान विष्णु जिनके चारों हाथों में से एक में शंख सुशोभित होता है, जिसे विष्णु शंख कहते है। Vishnu Shankh ना केवल पूजा-पाठ का एक महत्वपूर्ण अंग है, बल्कि इसके माध्यम से वातावरण को शुद्ध किया जा सकता है और वास्तु दोष भी दूर होते हैं। यहां आपके लिए इससे जुडी सभी जानकारी उपलब्ध कराई है-

What Is Vishnu Shankh
विष्णुजी शंख वह विशेष शंख होता है जो भगवान विष्णु के दाहिने हाथ में रहता है। यह दाहिने घूमने वाला शंख होता है, जिसे संस्कृत में दक्षिणावर्ती शंख कहा जाता है। ऐसा शंख अत्यंत दुर्लभ, पवित्र और शुभ माना जाता है। यह सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक होता है।
Vishnu Shankh की पहचान कैसे करें?
- यह शंख दाहिने हाथ की ओर खुलता है, जबकि सामान्य शंख बाएं ओर से खुलते हैं।
- इसका आकार कुछ हद तक भारी और गोलाकार होता है।
- जब इसे फूंका जाता है, तो इसकी ध्वनि गूंजदार और शांतिदायक होती है।
- यह मुख्यतः समुद्र के गहरे तल से प्राप्त होता है और बहुत दुर्लभ होता है।
इसकी पूजा करने की प्रभावी विधि क्या है?
यदि आप शंख की पूजा विधि को सही ढंग से अपनाते हैं, तो न केवल आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं बल्कि घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। इसकी प्रभावी विधि इस प्रकार से है-
- स्नान कराना: Vishnu Shankh की पूजा करने से पहले उसे शुद्ध जल या गंगाजल से स्नान कराना आवश्यक होता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और शंख में सात्त्विकता बनी रहती है।
- स्थापना: स्नान के बाद शंख को भगवान विष्णु या लक्ष्मी माता के समीप घर के मंदिर में रखें। इसे पीले या लाल वस्त्र पर स्थापित करें जिससे सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है।
- दीप प्रज्वलन: शंख के सामने घी का दीपक जलाकर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करें। यह मंत्र वातावरण को पवित्र करता है और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाता है।
- शुद्धिकरण: शंख में गंगाजल भरकर पूरे घर में विशेष रूप से कोनों में छिड़कें। यह प्रक्रिया नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है और शांति व समृद्धि लाती है।
- शुद्धता का ध्यान: शंख को हमेशा पवित्र और स्वच्छ स्थान पर रखें। इसे कभी भी पैरों के पास या शौचालय जैसी अशुद्ध जगहों पर न रखें, और सप्ताह में कम से कम एक बार शुद्ध जल से धोकर रखें।
इसका लाभ क्या है?
- समृद्धि की प्राप्ति: शंख की पूजा करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। यह शंख घर में धन की वर्षा और समृद्धि का कारण बनता है।
- वास्तु दोष: यह शंख घर के वास्तु दोषों को दूर करने में सहायक होता है। शंख की ध्वनि और उसकी पवित्रता नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
- सकारात्मक ऊर्जा : इसकी पूजा से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह शंख न केवल घर को शुद्ध करता है बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
- आध्यात्मिक जागरण: नियमित रूप से इसकी पूजा करने से साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह शंख भगवान विष्णु के आशीर्वाद का प्रतीक है और भक्त की भक्ति को प्रगाढ़ करता है।
- रोगों से रक्षा: विष्णु जी का शंख मानसिक तनाव और कुछ शारीरिक बीमारियों को कम करने में भी सहायक माना गया है। यह शंख शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
यदि आप अपने घर में सुख, समृद्धि और शांति चाहते हैं, तो विष्णु शंख अवश्य स्थापित करें और विधिपूर्वक उसकी पूजा करें। यह शंख न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि वास्तु और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। आप चाहें तो विष्णु सहस्त्रनाम का महत्व या 10 अवतारों की सूची चित्रों सहित जैसे लेख भी पढ़ सकते हैं, जो आपकी भक्ति और जानकारी दोनों को समृद्ध करेंगे।
FAQ
क्या इस शंख को हर कोई अपने घर में रख सकता है?
हाँ, लेकिन इसे शुद्ध स्थान पर और नियम से रखना चाहिए।
इसकी ध्वनि क्यों महत्वपूर्ण मानी जाती है?
यह ध्वनि ब्रह्मांडीय ऊर्जा को जागृत करती है और नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है।
क्या विष्णु जी के शंख को नियमित रूप से फूंकना चाहिए?
हाँ, दिन में कम से कम एक बार शंख फूंकना वातावरण को शुद्ध करता है।
इस शंख और लक्ष्मी शंख में क्या अंतर है?
विष्णु जी शंख दक्षिणावर्ती होता है जबकि लक्ष्मी शंख बाएं घूमता है। दोनों के लाभ अलग-अलग हैं।

मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। जय माँ View Profile