श्रीराम प्रश्नावली, भक्तों के लिए एक दिव्य साधन है जिससे वे अपने जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर भगवान श्रीराम से प्राप्त कर सकते हैं। यह विधि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित ‘रामचरितमानस’ में वर्णित है और आज भी श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत प्रचलित है।
राम प्रश्नावली क्या है?
राम प्रश्नावली एक 15X15 अक्षरों की तालिका है, जिसमें ‘रामचरितमानस’ की चौपाइयों के अक्षर विशेष क्रम में संकलित होते हैं। इस तालिका का उपयोग करके, भक्त अपने मन के प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करते हैं।
Ram Prashnavali का उपयोग कैसे करें?
इसका उपयोग ऑनलाइन माध्यम से करने के लिए निचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें और अपने मन के प्रश्नों को इसका उपयोग करके जानें:
- सफाई और ध्यान: स्नान करके साफ कपड़े पहनें। शांत मन से बैठकर भगवान श्रीराम का ध्यान करें और अपने प्रश्न को मन में स्पष्ट रूप से सोचें।
- प्रश्न पूछने की विधि: आँखें बंद करके, श्रद्धा पूर्वक प्रश्नावली तालिका के किसी भी खंड पर क्लिक करें। आपके क्लिक करते ही उस अक्षर के निचे तुरंत आपके प्रश्नों का उत्तर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
- उत्तर की व्याख्या: चयनित अक्षर से शुरू करके प्रत्येक 9वें अक्षर को जोड़ते हुए एक चौपाई बनती है। यह चौपाई आपके प्रश्न का उत्तर होती है।
- चौपाई का अर्थ समझें: प्राप्त चौपाई का अर्थ पढ़ें और उसे अपने प्रश्न के संदर्भ में समझें।
राम शलाका प्रश्नावली का महत्व
यह प्रश्नावली भक्तों को उनके जीवन के संदेहों और दुविधाओं में मार्गदर्शन प्रदान करती है। इसके माध्यम से प्राप्त उत्तर ‘Ramcharitmanas’ की चौपाइयों पर आधारित होते हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं।
गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम प्रश्नावली

पारंपरिक विधि से राम प्रश्नावली का प्रयोग (Book के माध्यम से)
- शुद्ध भाव और तैयारी: स्नान करें, साफ कपड़े पहनें और शांत स्थान पर बैठें। अपने पास ‘श्री राम प्रश्नावली’ पुस्तक रखें ।
- भगवान श्रीराम का ध्यान करें: दीपक जलाकर श्रीराम का स्मरण करें। मन ही मन अपने प्रश्न का चिंतन करें — वह कोई भी हो सकता है: स्वास्थ्य, कार्य, विवाह, निर्णय, यात्रा आदि से संबंधित।
- प्रश्नावली में उंगली रखना: अब आँखें बंद करें और प्रश्नावली तालिका (जो पुस्तक में 15×15 अक्षरों के ग्रिड में होती है) में किसी एक कोष्ठक (खाने) पर अपनी उंगली सहज रूप से रखें।
- अक्षर चुनें और लिखें: जिस कोष्ठक पर उंगली रखी, उसमें जो अक्षर/मात्रा हो, उसे कागज़ पर लिख लें। यह आपका प्रारंभिक अक्षर है।
- हर नवां अक्षर चुनें: अब उस अक्षर से शुरू करते हुए हर 9वां अक्षर क्रमशः लिखें। लिखते-लिखते आप पुनः पहले अक्षर पर आ जाएँगे — और इस तरह एक पूरी चौपाई बन जाएगी।
- ध्यान दें: जहां केवल मात्रा हो (जैसे ‘ा’), उसे पिछले अक्षर से जोड़ें। जहां दो अक्षर हों, उन्हें एक साथ एक बार ही गिनें।
- उत्तरस्वरूप चौपाई पढ़ें: अब बनी हुई चौपाई को रामचरितमानस में खोजें (अथवा उस पुस्तक में उत्तर सूची में देखें)। उस चौपाई का भावार्थ (व्याख्या) पढ़ें।
नोट- यह चयन पूरी श्रद्धा और विश्वास से होना चाहिए। इसे खेल या मनोरंजन न समझें।
उदाहरण:
यदि चौपाई बनती है — “होइहि सोइ जो राम रचि राखा।”
तो इसका भाव यह होगा — जो भी होगा, वह भगवान की इच्छा से ही होगा। चिंता मत करो।
पुस्तक से श्रीराम प्रश्न चिन्हावली का प्रयोग एक तपस्वी साधना की तरह है। यह केवल एक सवाल-जवाब नहीं, बल्कि श्रीराम के चरणों में पूर्ण समर्पण की एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। इसका प्रयोग श्रद्धा, नियम और पवित्रता से करें। इस विधि का अभ्यास करने से आत्मबल बढ़ता है, निर्णयों में स्पष्टता आती है और प्रभु श्रीराम के प्रति संबंध गहरा होता है।
महत्वपूर्ण निर्देश
- विश्वास और श्रद्धा: प्रश्नावली का उपयोग पूर्ण विश्वास और श्रद्धा के साथ करें।
- प्रश्नों की पुनरावृत्ति न करें: एक ही प्रश्न को बार-बार न पूछें। पहले उत्तर को ही अंतिम मानें।
- दैनिक उपयोग: दिन में केवल एक बार ही प्रश्न पूछें।
- मनोरंजन के लिए उपयोग न करें: प्रश्नावली का उपयोग खेल या मनोरंजन के रूप में न करें; यह एक आध्यात्मिक साधन है।
Shri Ram Prashnavali भक्तों के लिए एक अद्भुत साधन है जिससे वे अपने जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर भगवान श्रीराम की कृपा से प्राप्त कर सकते हैं। इसका उपयोग करते समय श्रद्धा, विश्वास और नियमों का पालन करना आवश्यक है, ताकि सही मार्गदर्शन प्राप्त हो सके। जय श्रीराम!
राम प्रश्नावली एक सरल और प्रभावी विधि है, जो भक्तों को उनके प्रश्नों का सीधा उत्तर देती है। यह विधि रामायण प्रश्नावली, रामचरितमानस प्रश्नावली और राम शलाका प्रश्नावली से जुड़ी हुई है, जो भक्तों को भगवान राम से मार्गदर्शन प्राप्त करने में मदद करती है। यह पद्धति आपके जीवन को सही दिशा देने और संदेहों को दूर करने का एक शक्तिशाली माध्यम है।
FAQ
क्या राम प्रश्नावली वास्तव में सत्य है?
यह भविष्यवाणी नहीं बल्कि श्रद्धा और भक्ति पर आधारित एक आध्यात्मिक मार्गदर्शन है।
प्रश्न पूछने का सबसे अच्छा समय क्या है?
प्रातः ब्रह्म मुहूर्त या संध्या वेला श्रेष्ठ मानी जाती है, पर श्रद्धा से कभी भी पूछा जा सकता है।
मुझे नकारात्मक उत्तर मिले तो क्या करें?
चिंता न करें, यह भगवान की चेतावनी हो सकती है। शांति रखें और श्रीराम का स्मरण करें।
क्या मोबाइल या ऑनलाइन से प्रश्नावली करना सही है?
हाँ, यदि मन सच्चा और श्रद्धा पूर्ण है तो ऑनलाइन माध्यम भी स्वीकार्य है।
क्या इस प्रश्नावली से सभी समस्याओं का समाधान होता है?
यह समस्या का समाधान नहीं, बल्कि एक दिशा या संकेत देती है — आत्मिक निर्णय के लिए।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile