अंजनी माँ थारो लाल कठे, वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे यह भजन भक्तों की पुकार को दर्शाता है, जहाँ वे श्री हनुमान जी से प्रश्न करते हैं कि वे कहाँ हैं, जो अपने भक्तों का पालन और संकटों का निवारण करते हैं। यह भजन हनुमान जी की असीम कृपा, शक्ति और भक्ति की महिमा का बखान करता है, जो हर भक्त को अडिग आस्था और साहस प्रदान करती है।
Anjani Maa Tharo Lal Kathe vo Bhakta Pratipal Kathe
अंजनी माँ थारो लाल कठे,
वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे।
वो संकट मोचन नाम कठे,
दुनिया में बढ़ ग्यो पाप घणो।
दुनिया में बढ़ ग्यो पाप घणो,
वो राम भगत हनुमान कठे,
अंजनी माँ थारो लाल कठे।
वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे,
वो संकट मोचन नाम कठे।।
धरती रो पाप मिटावण ने,
अब पड़ी जरुरत थारी है,
हो रयो है अत्याचार घणो।
जालिम ने बाजी मारी है,
जुल्म करे सरेआम फिरे।
जुल्म करे सरेआम फिरे,
इंसान ने हिम्मत हारी रे,
कळयुग री काळी छाया में।
बाबा अवतार जरुरी है,
लंका में आग लगवाणियो,
लंका में आग लगवाणियो।
वो पवनपुत्र बलवान कठे,
अंजनी माँ थारो लाल कठे,
वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे,
वो संकट मोचन नाम कठे।।
आज काल रा टाबरिया,
ना छोटा बड़ा री लाज करे।
वो मान सम्मान तो चल्यो गयो,
वो मान सम्मान तो चल्यो गयो,
बेशर्म तो बेठ्या राज करे।
अठे पाप का सिक्का चाली रया,
पाप का सिक्का चाली रया,
और सज्जन खाली हाथ मले।
अठे झूठ तो पग पग पर चाले,
और सच्चाई सरेआम मरे,
वो सच्ची प्रीत निभावणिया।
वो सच्ची प्रीत निभावणिया,
वा सतजुग वाली रीत कठे,
अंजनी माँ थारो लाल कठे।
वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे,
वो संकट मोचन नाम कठे।।
पैसा नो है सब खेल यहाँ,
स्वारथ की दुनिया दारी है।
भाई भाई ने मर देवे,
भाई भाई ने मर देवे,
मतलब की रिश्तेदारी है।
किस किस का दोष बताऊँ मैं,
किस किस का दोष बताऊँ मैं,
खुद बाढ़ खेत ने खारी है।
माँ बाप ने समझे कौन अठे,
और ममता ठोकर खारी है,
वो काँधे तीर्थ करावणिया।
वो काँधे तीर्थ करावणिया,
वो शरवण जैसी संतान कठे,
अंजनी माँ थारो लाल कठे।
वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे,
वो संकट मोचन नाम कठे।।
अठे विष होठां पर बरस रह्यो,
अठे जहर जुबां पर बरस रह्यो,
और वाणी में मिठास नहीं।
अहंकार में सारा मरया पड़या,
और बिन मै जिंदगी रास नहीं,
बेईमान ने सबकुछ मिल जावे।
बेईमान ने सबकुछ मिल जावे,
और साहूकार ने साथ नही।
घर घर में मिल जाए गुरु अठे,
पर हनुमान सा दास नही,
‘रोतु’ है भजन बनावाणियो।
और गावे है ‘परकाश’ अठे,
अंजनी माँ थारो लाल कठे।
वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे,
वो संकट मोचन नाम कठे।।
अंजनी माँ थारो लाल कठे,
वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे।
वो संकट मोचन नाम कठे,
दुनिया में बढ़ ग्यो पाप घणो,
दुनिया में बढ़ ग्यो पाप घणो।
वो राम भगत हनुमान कठे,
अंजनी माँ थारो लाल कठे।
वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे,
वो संकट मोचन नाम कठे।।
श्री हनुमान जी सदैव अपने भक्तों के रक्षक और मार्गदर्शक हैं। उनकी भक्ति करने से हर संकट दूर होता है और जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। यदि यह भजन आपके मन को भक्तिरस से सराबोर कर रहा है, तो हर मन के संकट हरता ये संकट मोचन दाता और राम के दास रस्ता दिखा दो जैसे अन्य हनुमान भजनों को भी अवश्य सुनें और प्रभु की कृपा का अनुभव करें।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile