शिव गायत्री मंत्र: भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला प्रभावशाली वैदिक मंत्र

भगवान शिव संहारक भी हैं और कल्याणकर्ता भी। उनका स्मरण जीवन की समस्त बाधाओं को शांत करता है। शिव गायत्री मंत्र एक पवित्र वैदिक मंत्र है, जो साधक को शिव की कृपा, आत्मबल और शांति प्रदान करता है। यदि आप Shiva Gayatri Mantra खोज रहे हैं, तो यहां आपको Shiva Gayatri Mantra Lyrics, उसका पूरा अर्थ और जाप विधि विस्तृत रूप में मिलेगा।

Shiva Gayatri Mantra

ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्॥

Shiva Gayatri Mantra

॥ ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्॥

Shiva Gayatri Mantra Meaning- हम उस परम पुरुष (तत्पुरुष) को जानते हैं, जो महादेव हैं; हम उनका ध्यान करते हैं। वे रुद्र स्वरूप में हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें।

शिव गायत्री मंत्र न केवल आध्यात्मिक शक्ति देता है, बल्कि जीवन में शांति, साहस और मानसिक संतुलन भी स्थापित करता है। यदि आप भगवान शिव से संबंधित अन्य दिव्य पाठों की खोज में हैं, तो शिव पंचाक्षर स्तोत्र, शिव चालीसा, और रुद्राष्टक भी अवश्य पढ़ें। यह सभी स्तोत्र आपकी शिवभक्ति को गहराई देते हैं और आत्मा को दिव्यता की ओर ले जाते हैं।

Shiv Gayatri Mantra की प्रसिद्ध जाप विधियां

  1. स्नान और तैयारी: प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजन स्थान पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  2. शिवलिंग या मूर्ति के आगे दीप जलाएं: धूप, दीप, जल पात्र और बेलपत्र रखें। जल से शिवलिंग को अभिषेक करें या उनके नाम का ध्यान करें।
  3. संकल्प लें: मन में भगवान शिव को स्मरण करते हुए जाप के उद्देश्य का संकल्प लें।
  4. मंत्र का जाप: इस मंत्र का 11, 21 या 108 बार जाप करें। आप रुद्राक्ष माला से जाप करें तो अधिक प्रभावकारी होगा।
  5. प्रार्थना करें: जाप समाप्त होने पर शिवजी से कृपा, शांति, और आत्मिक बल के लिए प्रार्थना करें।

FAQ

जाप करते समय कौन-सी माला सबसे उपयुक्त होती है?

रुद्राक्ष माला शिव मंत्र जाप के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।

क्या यह मंत्र सभी लोग जप सकते हैं?

क्या यह मंत्र रुद्राभिषेक में उपयोग होता है?

इस मंत्र को कौन-कौन जप सकते हैं?

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