सूर्य गायत्री मंत्र: रोग नाश और ऊर्जा प्राप्ति का वैदिक रहस्य

सूर्य देव की उपासना में सूर्य गायत्री मंत्र का विशेष महत्व है। Surya Gayatri Mantra न केवल हमें मानसिक और शारीरिक ऊर्जा देता है, बल्कि आत्मिक जागरण का माध्यम भी बनता है। यदि आप Surya Gayatri Mantra in Hindi खोज रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए संपूर्ण जानकारी लेकर आया है।

Surya Gayatri Mantra

ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात

Surya Gayatri Mantra

॥ ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात॥

Surya Bhagwan Mantra का नियमित जाप न केवल आत्मबल, आरोग्यता और तेज प्रदान करता है, बल्कि हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा, प्रचुरता और आध्यात्मिक प्रकाश का संचार भी करता है। यह मंत्र आत्मा को आलोकित करता है और जीवन को दिशा देने में सहायक होता है। यदि आप सूर्य आरती, आदित्य ह्रदय स्तोत्र या सूर्य नमस्कार विधि जैसी अन्य सूर्य साधनाओं में रुचि रखते हैं, तो इनका अभ्यास भी आपके आध्यात्मिक पथ को और अधिक सशक्त बना सकता है।

सूर्य नारायण मंत्र की लोकप्रिय जाप विधि

  1. शुभ समय: सूर्य भगवान मंत्र का जाप प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व या सूर्योदय के समय किया जाना सर्वोत्तम माना गया है। रविवार या संक्रांति जैसे विशेष दिनों पर इसका जप और भी शुभ होता है।
  2. स्थान की पवित्रता: जाप करने से पहले स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और पूजा स्थान को गंगाजल या स्वच्छ जल से पवित्र करें। आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. पूजा की प्रारंभिक विधि: सूर्य देव के फोटो या मूर्ति को सामने रखकर दीपक और धूप जलाएं। जल से अर्घ्य देकर सूर्य नमस्कार करें और ॐ सूर्याय नमः का उच्चारण करें।
  4. मंत्र का जाप: इसके बाद श्रद्धा और ध्यानपूर्वक सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करें। जाप के समय रुद्राक्ष माला का प्रयोग किया जा सकता है।
  5. ध्यान: जाप समाप्ति के पश्चात आँखें बंद कर सूर्य देव का ध्यान करें और मानसिक ऊर्जा, स्वास्थ्य और ज्ञान की प्रार्थना करें। तत्पश्चात प्रसाद अर्पित करें।

FAQ

क्या इसे रोज पढ़ सकते हैं?

हाँ, इस मंत्र का नित्य पाठ करने से शरीर और मन दोनों में शक्ति और स्थिरता आती है।

क्या इस मंत्र को रुद्राक्ष माला से पढ़ा जा सकता है?

मंत्र का जाप कितनी बार करें ?

क्या इस मंत्र से नेत्र दोष और स्वास्थ्य लाभ होते हैं?

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