भगवान विष्णु की उपासना करने वालों के लिए विष्णु गायत्री मंत्र एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली मंत्र है। यह मंत्र जीवन में संतुलन, शांति और अध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है। भक्त Vishnu Gayatri Mantra के माध्यम से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करते हैं और आत्मिक उन्नति की ओर बढ़ते हैं। यहां हमने इस मंत्र को दिया गया है-

अगर आप और भी विष्णु से जुड़े शक्तिशाली पाठों को जानना चाहते हैं तो हमारा यह विष्णु सहस्त्रनाम और विष्णु चालीसा पर लिखा लेख ज़रूर पढ़ें। साथ ही, यदि आप विष्णु के सभी अवतारों को जानना चाहते हैं, तो यह लेख विष्णु के अवतार आपकी भक्ति को और गहरा कर देगा।
मंत्र का सही जाप कैसे करें
भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने हेतु Vishnu Gayatri Mantra का विधिपूर्वक जाप अत्यंत फलदायी माना गया है। नियमपूर्वक की गई साधना आपके जीवन में शांति, स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति लाती है-
- सही शुरुआत: सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और शरीर व मन को पवित्र बनाएं। यह समय मंत्र जाप के लिए सबसे श्रेष्ठ माना गया है।
- शांत स्थान: ऐसे स्थान पर बैठें जहाँ शांति हो, ताकि आपका मन विचलित न हो। ध्यान और भक्ति के लिए उपयुक्त वातावरण बहुत आवश्यक है।
- स्वच्छ वस्त्र: भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है। पीले वस्त्र पहनने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और पूजा में एक विशेष ऊर्जा आती है।
- दीप और अगरबत्ती: भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाकर शुद्ध वातावरण बनाएं और उनका ध्यान करें।
- ध्यान लगाएं: कुशा के आसन या चटाई पर बैठकर आँखे बंद करें और ‘ॐ नमो नारायणाय’ से मन को एकाग्र करें।
- जाप करें: अब शांति से Vishnu Gayatri Mantra Lyrics का जाप कम से कम 108 बार करें। यदि संभव हो तो जापमाला का उपयोग करें ताकि गिनती बनी रहे।
- प्रार्थना करें: पाठ पूर्ण होने पर भगवान विष्णु से जीवन की बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें और परिवार की सुख-शांति की कामना करें।
आज से ही विष्णु गायत्री मंत्र का जाप शुरू करें और अपने जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिक ऊर्जा के अद्भुत प्रभाव का अनुभव करे।
FAQ
इस मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
इसका जाप प्रातः काल ब्रह्ममुहूर्त में इसका जाप सबसे शुभ होता है।
क्या महिलाएं भी इसका पाठ कर सकती हैं?
बिलकुल, यह मंत्र सभी के लिए समान रूप से प्रभावी है, चाहें स्त्री हो, पुरुष हो यह वृद्ध।
मंत्र जाप के लिए कौन-सा आसन उचित है?
मंत्र जाप के लिए कुशा या ऊन का आसन सबसे उपयुक्त माना जाता है।
इस मंत्र से क्या लाभ होता है?
यह मन की शांति, जीवन में स्थिरता और ईश्वर की कृपा दिलाता है।

मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। जय माँ View Profile