विष्णु स्तुति: भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए करें यह दिव्य पाठ

विष्णु स्तुति का पाठ भक्तों को भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त कराने वाला माना गया है। अनेक श्रद्धालु इस स्तुति का जाप सुबह और संध्या समय नियमित रूप से करते हैं। इस लेख में हम आपके लिए Vishnu Stuti और उसकी विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि आप इसे अपने नित्य पूजन में शामिल कर सकें-

Vishnu Stuti

शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं,
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्॥
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं,
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्॥१॥

यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:,
सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:॥
ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो,
यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:॥२॥

Vishnu Stuti

शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं,
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्॥
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं,
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्॥१॥

यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:,
सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:॥
ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो,
यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:॥२॥

यदि आप भगवान विष्णु की महिमा को और गहराई से समझना चाहते हैं, तो Vishnu Stuti के साथ-साथ Vishnu Sahasranamam और Vishnu Chalisa जैसे पवित्र पाठ भी अवश्य पढ़ें। इन लेखों को पढ़कर आप अपनी भक्ति यात्रा को और भी समृद्ध बना सकते हैं। इन्हें ज़रूर पढ़ें और अपने पूजन में शामिल करें।

इसका पाठ करने की विधि

भगवान Vishnu Stuti Lyrics का पाठ सही तरिके से करना चाहते हैं तो, यहां जानिए पाठ करने की सही विधि –

  1. स्नान: पाठ प्रारंभ करने से पहले सुबह-सुबह स्नान करना आवश्यक है, जिससे तन और मन दोनों शुद्ध हो सकें। यह शुद्धता आपको दिव्यता के अनुभव से जोड़ती है।
  2. पूजा स्थल: वह स्थान जहाँ आप स्तुति करेंगे, उसे अच्छे से साफ करें और वहां दीपक व अगरबत्ती जलाकर एक भक्तिमय वातावरण बनाएं।
  3. पीले वस्त्र: भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। पीले या स्वच्छ वस्त्र पहनकर पाठ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  4. आसन: कुश के आसन या चटाई पर बैठकर आँखें बंद करके भगवान विष्णु का ध्यान करें ताकि मन एकाग्र हो जाए।
  5. पाठ करें: अब विष्णु स्तुति का उच्चारण शुद्धता और श्रद्धा से करें। यदि आप संस्कृत नहीं जानते, तो हिंदी भावार्थ के साथ पढ़ें।
  6. तुलसी पत्र: पाठ के समय भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पण करें। यह उन्हें अत्यंत प्रिय है और इससे पूजा अधिक प्रभावशाली होती है।
  7. समापन: स्तुति समाप्त होने पर भगवान विष्णु से प्रार्थना करें कि वे आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति करें और जीवन में सद्बुद्धि प्रदान करें।

अब जब आप पाठ विधि जान चुके हैं, तो आज से ही Shri Vishnu Stuti को अपने दैनिक जीवन में अपनाएं।

FAQ

क्या यह स्तुति रोज़ पढ़ सकते हैं?

क्या यह स्तुति केवल संस्कृत में है?

मुख्य रूप से संस्कृत में है, पर हिंदी में भी उपलब्ध है।

विष्णु भगवान स्तुति कितनी लंबी होती है?

क्या यह बच्चों को भी सिखा सकते हैं?

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