दरबार हजारो है तुझ सा दरबार कहाँ भजन, भगवान श्री राम और उनके परम भक्त हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और आस्था का सुंदर उदाहरण है। इस भजन में यह संदेश दिया गया है कि जो दरबार केवल भगवान की कृपा और भक्तों की भक्ति से रोशन होता है, वह दरबार किसी और दरबार से श्रेष्ठ है। यह भजन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है जो हनुमान जी के दरबार में शरण लेने के बाद अपने जीवन को सफल और सुखमय पाते हैं।
Darbar Hazaro Hai Tujh Sa Darbar Kaha
दरबार हजारो है,
तुझ सा दरबार कहाँ।
बजरंग सा देव भला,
हमें मिलता और कहाँ।
दरबार हजारो हैं,
तुझ सा दरबार कहाँ।।
तेरे हाथ में घोटा है,
और लाल लंगोटा है।
सिंदूरी रूप धरे,
सिंघासन बैठा है।
तेरी महिमा का बाबा,
कोई पावे पार कहाँ।
दरबार हजारो हैं,
तुझ सा दरबार कहाँ।।
तेरी लाल ध्वजा बाला,
लगती बडी प्यारी है।
तिहु लोग में छाई है,
तेरी किरत भारी है।
तुझ सा सच्चा सेवक,
क्या होगा और कहाँ।
दरबार हजारो हैं,
तुझ सा दरबार कहाँ।।
तेरी चोखट पर बैठे,
हम आस लगाये है।
पूरण हो काम सभी,
विश्वास ये लाये है।
भक्तो के काज करे,
ऐसी सरकार कहाँ।
दरबार हजारो हैं,
तुझ सा दरबार कहाँ।।
श्री राम के चरणों का,
सेवक तू निराला है।
बिगड़ी को बनाता है,
दुःख हरने वाला है।
इस युग में होगा मन,
ऐसा अवतार कहाँ।
दरबार हजारो हैं,
तुझ सा दरबार कहाँ।।
दरबार हजारो है,
तुझ सा दरबार कहाँ।
बजरंग सा देव भला,
हमें मिलता और कहाँ।
दरबार हजारो हैं,
तुझ सा दरबार कहाँ।।
यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों, अगर हमारी श्रद्धा सच्ची है और हम भगवान के दरबार में पूरी श्रद्धा से आते हैं, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। हनुमान जी का दरबार सच्चे भक्तों के लिए अडिग आस्था और प्रेम का प्रतीक है, जो हर कठिनाई में हमारा मार्गदर्शन करते हैं। “दरबार हजारो है तुझ सा दरबार कहाँ” भजन भक्तों को विश्वास और प्रोत्साहन देता है कि हनुमान जी का आशीर्वाद हमें हमेशा मिलते रहेगा।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile