मैं हूँ तेरा नौकर बाबा नौकरी रोज बजाता हूँ भजन लिरिक्स

मैं हूँ तेरा नौकर बाबा, नौकरी रोज बजाता हूँ यह भजन हनुमान जी की भक्ति और समर्पण की भावना को व्यक्त करता है। इसमें भक्त अपनी निष्ठा और प्रेम से भरे हनुमान जी को अपना नौकर मानता है, और उन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करने की विनती करता है। यह भजन हमें सिखाता है कि भक्ति की राह पर कोई बंधन नहीं होता, और हनुमान जी की कृपा से ही जीवन में सुख, शांति और समाधान मिलता है।

Main Hu Tera Naukar Baba Naukari Roj Bajata Hu

श्लोक –
इतना दिया मेरे बाबा ने मुझे,
जितनी मेरी औकात नहीं
ये तो सब करम है इस बाबा,
वर्ना मुझमे तो कोई
ऐसी बात नहीं।

मैं हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ
जितनी तनख्वाह तू देता है,
उसमे परिवार चलाता हूँ
मै हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ।।

दर दर मेरा सर ये झुके ना,
सोच के दर तेरे आता हूँ
तेरे जैसा मालिक पाकर,
दुनिया को बतलाता हूँ
स्वाभिमान से जीने वालों,
स्वाभिमान से जीने वालों
को तेरी बात बताता हूँ,
मै हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ।।

तू ही जाने मैं क्या जानू,
कितना मेरा जीवन है
अच्छी लगी हो सेवा मेरी,
फिर से जीवन समर्पण है
अपने बच्चो को मैं सेवा,
करना तेरी सिखलाता हूँ
मै हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ।।

मुझसे काबिल मुझसे बेहतर,
सेवा को तेरी तरस रहे
मुझ नालायक में क्या देखा,
सोच के नैना बरस रहे
कहता ‘आदित्य’ भजन भाव से,
मैं दुनिया को बतलाता हूँ
मै हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ।।

मैं हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ
जितनी तनख्वाह तू देता है,
उसमे परिवार चलाता हूँ
मै हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ।।

इस भजन के अंत में यह संदेश मिलता है कि हम अगर अपनी पूरी श्रद्धा और निष्ठा से भगवान की सेवा करें, तो वह हमारे जीवन को खुशहाल और समृद्ध बना देते हैं। हनुमान जी के चरणों में न केवल आत्मा की शांति है, बल्कि उनकी शक्ति और आशीर्वाद से हर संकट से मुक्ति भी मिलती है। भक्तों को इस भजन के माध्यम से प्रेरणा मिलती है कि यदि उनका विश्वास सच्चा और पूरी तरह से भगवान के प्रति समर्पित है, तो वह जीवन के हर पहलू में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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