आई रे हनुमान जयंती आई भजन हनुमान जी के जन्मोत्सव, यानी हनुमान जयंती, के पावन अवसर पर समर्पित है। यह भजन हनुमान जी के अद्वितीय बल, साहस, भक्ति और समर्पण को श्रद्धा पूर्वक मनाने का एक तरीका है। हनुमान जयंती का दिन भक्तों के लिए खुशी और आस्था का प्रतीक होता है, और यह भजन उस दिन के महत्व को उजागर करता है।
Aayi Re Hanuman Jayanti Aayi
आई रे हनुमान जयंती आई,
आयी रे हनुमान जयंती आई।
बल बुध्दि और ज्ञान के दाता,
अति बलवान जगत विख्याता।
जिसने भक्ति राम की पाई,
आयी रे हंनुमान जयंती आई।
आयी रे हनुमान जयंती आई।।
पवन पिता माँ अंजनी का,
लाल ये प्यारा प्यारा।
लाल ये प्यारा प्यारा,
जनम लिया जब दसों दिशा में।
छाया है उजियारा,
छाया है उजियारा।
जिनकी वज्र जैसी काया,
जिनके मुख पे तेज सुहाया।
जिनका नाम सदा सुखदाई,
आयी रे हंनुमान जयंती आई,
आयी रे हनुमान जयंती आई।।
लाल सिंदूर देह पर सोहे,
लाल लंगोटे वाला।
लाल लंगोटे वाला,
नाम जपे जो हनुमान का।
एक एक संकट टाला,
एक एक संकट टाला।
कहलाते है राम दास जो,
करते है पापों का नाश जो।
जिनकी महिमा वरनी ना जाई,
आयी रे हंनुमान जयंती आई,
आयी रे हनुमान जयंती आई।।
मारी एक छलांग तो,
सूरज मुख में दबाए।
सूरज मुख में दबाए,
दूजी भरी उड़ान तो।
लंका नगरी आप जलाए,
लंका नगरी आप जलाए।
संजीवन बूटी है लाए,
प्राण लखन के आन बचाए।
बने राम के सदा सहाई,
आयी रे हंनुमान जयंती आई,
आयी रे हनुमान जयंती आई।।
शरण में लो सालासर वाले,
‘लख्खा’ शीश नवाए।
हम भी शीश नवाए,
ओ मेहंदीपुर वाले तेरा।
वचन ना खाली जाए,
वचन ना खाली जाए।
बन जाते बिगड़े सब काम,
जपता हूँ जब तेरा नाम।
ये बात ‘सरल’ समझाई,
आयी रे हंनुमान जयंती आई,
आयी रे हनुमान जयंती आई।।
आयी रे हनुमान जयंती आई,
आयी रे हंनुमान जयंती आई।
बल बुध्दि और ज्ञान के दाता,
अति बलवान जगत विख्याता।
जिसने भक्ति राम की पाई,
आयी रे हंनुमान जयंती आई।
आयी रे हंनुमान जयंती आई।।
हनुमान जी का जन्मोत्सव हर भक्त के लिए एक विशेष दिन है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि जैसे हनुमान जी ने प्रभु राम की सेवा में अपने जीवन को समर्पित किया, वैसे ही हमें भी जीवन में भक्ति और समर्पण का मार्ग अपनाना चाहिए। हनुमान जयंती का पर्व हमें हनुमान जी की शक्तियों, उनकी निस्वार्थ सेवा और राम के प्रति उनकी भक्ति से प्रेरित करता है। यह दिन हमारे दिलों में श्रद्धा और विश्वास को और भी मजबूत करता है, क्योंकि हनुमान जी हमेशा हमारे साथ रहते हैं, हमें सुरक्षा और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile