पवनपुत्र बाला है बजरंगी, राम भक्त तुम हो मतवाले भजन हनुमान जी की महानता और उनकी असीम भक्ति को व्यक्त करता है। हनुमान जी, पवनपुत्र और राम के परम भक्त, अपने अद्वितीय साहस, शक्ति और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं। यह भजन उनकी अपार श्रद्धा और राम के प्रति अनन्य भक्ति को उजागर करता है। हनुमान जी के हर कार्य में राम का भव्य रूप दिखाई देता है, और वे हमेशा अपने प्रभु के आदेशों का पालन करने के लिए तत्पर रहते हैं।
Pavanputra Bala Hai Bajrangi Ram Bhakt Tum Ho Matwale
दोहा –
वीर बाला बजरंगबली,
इनके बल का कमाल।
दुष्टों का संहार,
केसरी नंदन है करते।
अपने भक्तो की लाज है रखते,
जो भी आए दर पे,
बाबा सबकी झोली भरते।।
पवनपुत्र बाला है बजरंगी,
राम भक्त तुम हो मतवाले।
राम प्रभु के सारे कारज,
हनुमान तुमने ही है संभाले।
पवनपुंत्र बाला है बजरंगी,
राम भक्त तुम हो मतवाले।।
बाल समय में रवि मुख में दबाया,
तीनो ही लोक में अँधेरा था छाया।
तीनो ही लोक में अँधेरा था छाया,
देवता सारे मिलकर के आए।
करके विनती रवि को छुडाए,
हे महावीर तुम हो बल वाले।
पवनपुंत्र बाला है बजरंगी,
राम भक्त तुम हो मतवाले।।
जब लक्ष्मण के शक्ति लगी थी,
लंका से वेद को लाने की जची थी।
लंका से वेद को लाने की जची थी,
वेद शुशेण को लेकर के आए।
लाकर के बूटी लखन को जियाये,
राम की आँखों के हो तुम तारे।
पवनपुंत्र बाला है बजरंगी,
राम भक्त तुम हो मतवाले।।
जब अहिरावण ने छल किया था,
राम लखन को बंदी बना लिया था।
राम लखन को बंदी बना लिया था,
पाताल लोक पहुंचे थे जाकर।
उन्होंने छुड़ाया दिव्य रूप बनाकर,
दुष्ट अहिरावण तुम ही थे मारे।
पवनपुंत्र बाला है बजरंगी,
राम भक्त तुम हो मतवाले।।
पवनपुत्र बाला है बजरंगी,
राम भक्त तुम हो मतवाले।
राम प्रभु के सारे कारज,
हनुमान तुमने ही है संभाले।
पवनपुंत्र बाला है बजरंगी,
राम भक्त तुम हो मतवाले।।
हनुमान जी की भक्ति और सेवा केवल राम के प्रति ही नहीं, बल्कि हर भक्त के प्रति भी अत्यधिक समर्पित है। उनकी महानता को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है, क्योंकि वे अपनी शक्ति, साहस और प्रेम से हर कठिनाई को पार कर सकते हैं। यह भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि हम भी राम के प्रति अपनी भक्ति को सच्चे मन से अर्पित करें और जीवन में हर मुश्किल को हनुमान जी की कृपा से आसान बना लें। हनुमान जी के चरणों में समर्पण से जीवन में शक्ति, साहस और शांति आती है। उनके नाम का जाप करने से मन में विश्वास और आत्मविश्वास बढ़ता है।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile