संकट में लक्ष्मण है ये राम ने मान लिया भजन लिरिक्स

संकट में लक्ष्मण है, ये राम ने मान लिया भजन उस पावन कथा का स्मरण कराता है जब श्रीराम के प्रिय भ्राता लक्ष्मण युद्ध के दौरान मूर्छित हो गए थे, और पूरा वातावरण चिंता से भर गया था। संकट की इस घड़ी में प्रभु श्रीराम ने अपने प्रिय भक्त और परम सेवक हनुमान जी पर विश्वास किया, और उन्हें संजीवनी बूटी लाने का दायित्व सौंपा। यह भजन हनुमान जी की अटूट निष्ठा, अपार शक्ति और उनके अद्वितीय पराक्रम का गुणगान करता है, जिससे उन्होंने न केवल संजीवनी लेकर आए, बल्कि अपने प्रभु के प्रति अपनी अनन्य भक्ति को सिद्ध किया।

Sankat Me Lakshman Hai ye Ram ne man liya

संकट में लक्ष्मण है,
ये राम ने मान लिया
संजीवनी लाने का,
हनुमान को काम दिया
राम की आँखों से आंसू बहे,
राम की आँखों से आंसू बहे।।

श्री राम ने लक्ष्मण को,
गोदी में सुलाया है
असुवन की धारा से,
जख्मो को भिगोया है
श्री राम के आंसू ने,
अमृत का काम किया
संजीवनी लाने का,
हनुमान को काम दिया
राम की आँखों से आंसू बहे,
राम की आँखों से आंसू बहे।।

श्री राम का लक्ष्मण ने,
पग पग पर साथ दिया
वो छोड़ के सब वैभव,
भाई संग वन में गया
श्री राम ने लक्ष्मण के,
त्यागो को याद किया
संजीवनी लाने का,
हनुमान को काम दिया
राम की आँखों से आंसू बहे,
राम की आँखों से आंसू बहे।।

संजीवनी लाकर के,
लक्ष्मण को बचाया है
हनुमान ने रघुकुल के,
संकट को मिटाया है
संकट मोचन ‘केशव’,
श्री राम ने नाम दिया
संजीवनी लाने का,
हनुमान को काम दिया
राम की आँखों से आंसू बहे,
राम की आँखों से आंसू बहे।।

संकट में लक्ष्मण है,
ये राम ने मान लिया
संजीवनी लाने का,
हनुमान को काम दिया
राम की आँखों से आंसू बहे,
राम की आँखों से आंसू बहे।।

हनुमान जी केवल बल और बुद्धि के प्रतीक ही नहीं, बल्कि प्रेम और भक्ति की सर्वोच्च मिसाल भी हैं। जब लक्ष्मण जी जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे थे, तब हनुमान जी अपने समर्पण और अद्वितीय गति से संजीवनी पर्वत उठाकर ले आए। यह भजन हमें यह सिखाता है कि जब भी जीवन में कठिन परिस्थितियाँ आएं, तब हमें भी हनुमान जी की भक्ति और उनकी शक्ति का स्मरण करना चाहिए। उनका नाम लेने मात्र से संकट दूर हो जाते हैं और भक्तों को नई ऊर्जा मिलती है।

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