है राम का आज्ञाकारी है शंकर का अवतारी भजन लिरिक्स

है राम का आज्ञाकारी, है शंकर का अवतारी भजन महाबली हनुमान जी के दिव्य स्वरूप को दर्शाता है। यह भजन हमें यह स्मरण कराता है कि हनुमान जी केवल शक्ति और भक्ति के प्रतीक ही नहीं, बल्कि आज्ञाकारिता और समर्पण की साक्षात मूर्ति हैं। वे भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं और श्रीराम के परम भक्त व सेवक के रूप में उनकी आज्ञा का पालन करने वाले सबसे बड़े उदाहरण हैं। उनकी निस्वार्थ सेवा, अद्वितीय शक्ति और अपार भक्ति उन्हें समस्त भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाती है।

Hai Ram ka Aagyakari hai Shankar ka Avtari

है राम का आज्ञाकारी,
है शंकर का अवतारी
म्हारे सिर पे हाथ फिराओ,
मैं शरण पड्या हाँ थारी
म्हाने पल पल पल पल,
थारी याद सतावे है
हे वीर बलि म्हणे,
थारी ओल्यू आवे है।।

म्हारे जी में आवे बाबा,
थारे धाम आ जावां
थारे धाम आके थारे,
चरना में लुल जावां
म्हणे बेगा हुकम सुनाओ,
सालासर धाम बुलाओ
म्हें आस लगाया बैठ्या,
थे म्हारी आस पुराओ
म्हाने पल पल पल पल,
थारी याद सतावे है
हे वीर बलि म्हणे,
थारी ओल्यू आवे है।।

थारा देसी घी का लाडू,
म्हाने याद आवे है
थारो भोग चूरमो बाबा,
म्हाने बहुत भावे है
पूरब मुख मंदिर थारो,
म्हाने लागे प्यारो प्यारो
थे आवनिया का बाबा,
से बिगड्या काम संवारो
म्हाने पल पल पल पल,
थारी याद सतावे है
हे वीर बलि म्हणे,
थारी ओल्यू आवे है।।

म्हारो भेद हिये को बाबा,
थारे शामी खोलांगा
जो था सू ना बोला तो,
म्हें किसने बोलांगा
थारी ‘हर्ष’ घणी सकलाई,
बेगा सा करो सुनाई
शरणागत का दुःख मेटो,
थाने राम प्रभु की दुहाई
म्हाने पल पल पल पल,
थारी याद सतावे है
हे वीर बलि म्हणे,
थारी ओल्यू आवे है।।

है राम का आज्ञाकारी,
है शंकर का अवतारी
म्हारे सिर पे हाथ फिराओ,
मैं शरण पड्या हाँ थारी
म्हाने पल पल पल पल,
थारी याद सतावे है
हे वीर बलि म्हणे,
थारी ओल्यू आवे है।।

हनुमान जी की भक्ति और सेवाभाव हमें यह सिखाता है कि सच्चे भक्त वही होते हैं जो अपने आराध्य के प्रति पूरी निष्ठा और समर्पण रखते हैं। यह भजन हमें प्रेरित करता है कि हमें भी हनुमान जी की तरह अपने जीवन में निःस्वार्थ सेवा और प्रभु भक्ति का अनुसरण करना चाहिए। श्रीराम की आज्ञा का पालन कर, हनुमान जी ने यह सिद्ध कर दिया कि जो भी अपने आराध्य के प्रति संपूर्ण समर्पण रखता है, उसे ईश्वरीय कृपा और शक्ति का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है।

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