देखो ढूंढ रहे श्री राम मगर सीता ना कही पाई भजन लिरिक्स

देखो ढूंढ रहे श्री राम मगर सीता ना कहीं पाई भजन श्रीराम और सीता माता के अपूर्व प्रेम और उनके बीच के एकत्रित दुखों की गहरी भावनाओं को व्यक्त करता है। इस भजन में भगवान श्रीराम की सीता के प्रति असीम प्रेम और उनके संघर्ष का वर्णन किया गया है। भजन हमें यह याद दिलाता है कि जीवन के सफर में जब कठिनाइयाँ आएं, तो भगवान श्रीराम की उपासना और उनका ध्यान हमें शक्ति और साहस देता है, ताकि हम अपने जीवन के हर मोड़ पर धैर्य रख सकें।

Dekho Dundh Rahe Shree Ram Magar Sita Na Kahi Payi

देखो ढूंढ रहे श्री राम,
मगर सीता ना कही पाई
वन वन में भटके राम,
वन वन में भटके राम,
मगर सीता ना कही पाई
देखो ढूँढ रहे श्री राम,
मगर सीता ना कही पाई।।

पेड़ो से पत्तों से पूछा,
बहती सी हवा से भी पूछा,
वन से उपवन सब से पूछा
पानी के झरनों से पूछा,
कोई कुछ तो बोलो आज
कोई कुछ तो बोलो आज,
मगर सीता ना कहीं पाई
देखो ढूँढ रहे श्री राम,
मगर सीता ना कही पाई।।

मेरे लखन भाई तुम एकबार,
कुटिया में वापस से जाओ,
मेरा दिल जोरो से धड़क रहा
जाकर के मुझे तुम बतलाओ,
धक धक दिल धड़के आज,
धक धक दिल धड़के आज
मगर सीता ना कहीं पाई
देखो ढूँढ रहे श्री राम,
मगर सीता ना कही पाई।।

तब आभूषण सीताजी का,
श्रीराम को था दिखलाई दिया,
हे लक्ष्मण आओ सीता ने
हमको शायद ये सबूत दिया,
आशंका मन भयभीत,
आशंका मन भयभीत
मगर सीता ना कहीं पाई
देखो ढूँढ रहे श्री राम,
मगर सीता ना कही पाई।।

आगे चल खून से लथपथ था,
एक बड़ा सा पंछी कराह रहा,
ये वीर जटायु रामभक्त
श्री राम नाम को पुकार रहा,
माँ सीता संग रघुवीर,
दुष्ट रावण ने की चतुराई
धर जोगी वाला चीर,
धर जोगी वाला चीर,
जानकी लेई गए चुराई।।

देखो ढूंढ रहे श्री राम,
मगर सीता ना कही पाई,
वन वन में भटके राम
वन वन में भटके राम,
मगर सीता ना कही पाई

देखो ढूँढ रहे श्री राम,
मगर सीता ना कही पाई।।

यह भजन श्रीराम और सीता के प्रेम की गहरी मिसाल पेश करता है और उनके संग हमें भी भगवान के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति का अहसास होता है। श्रीराम की महिमा को अपने जीवन में उतारते हुए हम उनके अन्य भजनों, जैसे राम भजे सब सुख पाए, राम के नाम से दूरी मिटाओ, और राम के रथ पर चढ़ो के माध्यम से उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। भगवान श्रीराम की भक्ति हमें हर परिस्थिति में सही दिशा दिखाती है।

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