चाहे राम भजो चाहे श्याम नाम दोनों हितकारी है यह भजन हमें यह सिखाता है कि चाहे हम श्रीराम का नाम लें या श्याम (कृष्ण) का, दोनों ही नाम हमारे जीवन में कल्याणकारी होते हैं। यह भजन हमें यह समझाने का प्रयास करता है कि ईश्वर के विभिन्न रूपों में समान दिव्यता है, और उनका भजन करने से जीवन में सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। राम और श्याम दोनों ही हमारे लिए परम सत्य और अनंत आशीर्वाद के स्रोत हैं।
Chahe Ram Bhajo Chahe Shyam Nam Dono Hitkari Hai
चाहे राम भजो चाहे श्याम,
नाम दोनों हितकारी है।
दोनों हितकारी है,
विष्णु जी के अवतारी है।
चाहे राम भजों चाहे श्याम,
नाम दोनों हितकारी है।।
राम जी जन जन के आदर्श,
गर्व करे इनपे भारतवर्ष।
श्याम बजाए बांसुरी,
और रचाए रास।
ब्रजमंडल से विश्व में,
पहुंची कृष्ण सुवास।
हरे कृष्ण हरे राम के अगणित,
दरश भिखारी है।
दोनों हितकारी है,
विष्णु जी के अवतारी है।
चाहे राम भजों चाहे श्याम,
नाम दोनों हितकारी है।।
शिव का धनुष तोड़,
गठबंधन जोड़।
राम जी सिया जी का,
वरण कर लाए थे।
द्वारिका के राजा कृष्ण,
प्रेमिका की पीड़ा जान।
मंदिर से रुक्मणि,
हरण कर लाए थे।
राम ने पारण किया,
एक पत्नीव्रत,
मिथिला में दिए हुए।
वचन निभाए थे,
प्रेममूर्ति त्यागमूर्ति।
सीताराम जी ने मिल,
शुभ दिन दूर दिन।
संग बिताए थे,
असुरण को देते शरण।
मोहन कृष्ण उदार,
तभी तो ले ली शरण में।
रानियाँ सोलह हजार,
एक मर्यादा के पालक।
एक प्रेम पुजारी है,
दोनों हितकारी है,
विष्णु जी के अवतारी है।
चाहे राम भजों चाहे श्याम,
नाम दोनों हितकारी है।।
राम राजा है दीनदयाल,
कृष्ण लाला है परम कृपाल।
दोनों रहते है सदा,
नीज प्रण के आधीन,
दुर्जन को दण्डित करे।
सज्जन को स्वाधीन,
राम श्याम ने,
बडी बडी विपदा।
पल में टाली है,
दोनों हितकारी है,
विष्णु जी के अवतारी है।
चाहे राम भजों चाहे श्याम,
नाम दोनों हितकारी है।।
चाहे राम भजो चाहे श्याम,
नाम दोनों हितकारी है।
दोनों हितकारी है,
विष्णु जी के अवतारी है।
चाहे राम भजों चाहे श्याम,
नाम दोनों हितकारी है।।
ईश्वर के नाम में शक्ति है, चाहे वह राम का हो या श्याम का। दोनों नाम जीवन के सभी पहलुओं को संजीवनी शक्ति प्रदान करते हैं। जैसे कि राम नाम रटने से सारे संकट दूर हो जाते हैं और श्याम के भजनों में आनंद की अनुभूति होती है, ऐसे ही अन्य भजन भी हमें यही शिक्षा देते हैं। राम के बिना जीवन अधूरा है और श्याम की भक्ति से जीवन में माधुर्य आता है जैसे भजन हमें इस सत्य का बोध कराते हैं कि भगवान के नामों में वही शक्ति है, जो हमें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और शांति दिलाती है।

मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile