गणेश विसर्जन मंत्र एक महत्वपूर्ण और पवित्र मंत्र है, जिसे विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के समापन के समय गणेश विसर्जन के दौरान गाया जाता है। Ganesh Visarjan Mantra का उद्देश्य भगवान गणेश को उनकी विदाई के समय श्रद्धा और आभार के साथ विदा देना है। जब भक्त गणेश की मूर्ति को जल में विसर्जित करते हैं, तो यह मंत्र उनके दिलों में भगवान गणेश की महिमा, कृपा और आशीर्वाद की भावना को और गहरा करता है।
इस गणेश मंत्र में भगवान गणेश से यह प्रार्थना की जाती है कि वे अपनी कृपा बनाए रखें और अगले साल फिर से अपनी उपस्थिति से पूरे संसार को आशीर्वाद दें। विसर्जन के दौरान भक्त गणेश जी के नारे और गणेश विसर्जन सांग के साथ उनको विदा करते है। इस मंत्र के शब्द बेहद सरल होते हैं, लेकिन उनमें गहरी श्रद्धा और भक्ति छुपी होती है। यहां हमने आपके लिए इस मंत्र को नीचे उपलब्ध कराया है-
मंत्र
ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्,
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ,
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।
ॐ गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर,
मम पूजा गृहीत्मेवां पुनरागमनाय च।
ऊँ मोदाय नम:
ऊँ प्रमोदाय नम:
ऊँ सुमुखाय नम:
ऊँ दुर्मुखाय नम:
ऊँ अविध्यनाय नम:
ऊँ विघ्नकरत्ते नम:
जिस प्रकार गणेश भगवान के आगमन पर Ganesh Sthapana Mantra का विशेष महत्त्व है उसी प्रकार उनकी विदाई के समय भी इस मंत्र का विशेष महत्व होता है, जो उनके प्रति हमरे प्रेम, करुणा और आभार को प्रकट करता है।
Ganesh Visarjan Mantra करने की विधि
- तैयारी: सबसे पहले, गणेश विसर्जन के दिन पूजा स्थल पर या विसर्जन स्थान पर शांतिपूर्वक बैठें। अपने आस-पास को साफ रखें और मंदिर या घर में अगर कोई मूर्ति रखी हो तो उसे अच्छे से साफ करें।
- ध्यान और शांति: ध्यान केंद्रित करने के लिए, अपनी आंखों को बंद करें और एक गहरी सांस लें। मन में पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान गणेश की याद करें और अपने सभी विचारों को एकाग्रित करें और एक पल के लिए भगवान गणेश के साथ अपने संबंध को महसूस करें।
- मंत्र का उच्चारण: अब गणेश विसर्जन मंत्र का उच्चारण करें। ध्यान रखें कि मंत्र को पूरे मन और श्रद्धा के साथ उच्चारित करें।
- प्रार्थना: मंत्र के उच्चारण के बाद भगवान गणेश से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन से सारे विघ्नों को दूर करें और अगले साल फिर से अपनी कृपा से आपका मार्गदर्शन करें।
- विदाई: इसके बाद भगवान गणेश की मूर्ति को धीरे-धीरे विसर्जन के लिए तैयार करें। विसर्जन के समय भगवान गणेश को श्रद्धा और सम्मान के साथ विदाई दें। इस समय “गणपति बप्पा मोरया” का जयकारा भी लगाया जाता है।
- विसर्जन स्थल: विसर्जन स्थल पर भगवान गणेश की मूर्ति के पास फिर से मंत्र का उच्चारण करें। मूर्ति को जल में विसर्जित करने से पहले, फिर से पूरी श्रद्धा से उनका आभार व्यक्त करें।
- धन्यवाद: विसर्जन के बाद कुछ समय तक शांति से बैठकर ध्यान करें और भगवान गणेश का धन्यवाद करें।
- पूजा समाप्ति: इस प्रकार विसर्जन मंत्र का पूरा उच्चारण करने के बाद, पूजा का समापन करें और घर लौटते समय भी सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद महसूस करें।
मंत्र का उच्चारण विशेष रूप से श्रद्धा, आस्था, और विश्वास के साथ करना चाहिए। यह विधि न केवल भगवान गणेश की विदाई का प्रतीक है, बल्कि जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और आशीर्वाद का मार्ग भी खोलती है।
विसर्जन मंत्र के लाभ
- मानसिक शांति: विसर्जन मंत्र का उच्चारण मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है, जो चिंता तथा तनाव को कम करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र का जाप करने से भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा और भक्ति भाव बढ़ाता है, जिससे भक्त अपने आत्मिक स्तर पर प्रगति करते हैं।
- ऊर्जा का संचार: मंत्र का नियमित उच्चारण वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह व्यक्ति को आत्मविश्वास, शक्ति और दिशा प्रदान करता है।
- खुशहाली: विसर्जन मंत्र से आर्थिक और मानसिक समृद्धि के रास्ते खुलते हैं, इससे घर में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है, और आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है।
- नकारात्मकता: इस मंत्र का उच्चारण नकारात्मकता और बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है, जो यह घर या स्थान से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मकता लाता है।
- संयम की वृद्धि: मंत्र का जाप करने से धैर्य और संयम में वृद्धि होती है, जिससे व्यक्ति को हर स्थिति में शांति से विचार करने और सही निर्णय लेने की क्षमता मिलती है।
- प्रेम और सद्भावना: विसर्जन मंत्र के जाप से प्रेम, सद्भावना और आपसी सहयोग की भावना उत्पन्न होती है, जो परिवार और समाज में सामंजस्य और भाईचारे को बढ़ावा देता है।
- धार्मिक आस्था: मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की धार्मिक आस्थाओं में और अधिक विश्वास और दृढ़ता आती है।
- आशीर्वाद: इस विसर्जन मंत्र का जाप भगवान गणेश के आशीर्वाद और सुरक्षा का प्रतीक है।
FAQ
विसर्जन मंत्र को कितनी बार उच्चारित किया जाता है?
विसर्जन मंत्र को सामान्यतः 11, 21 या 108 बार उच्चारित किया जाता है, ताकि इसका प्रभाव और भी शक्तिशाली हो सके।
क्या मंत्र का उच्चारण दिन में किसी खास समय पर करना चाहिए?
मंत्र का उच्चारण दिन में किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से विसर्जन के समय, यानी गणेश चतुर्थी के दिन, इसे सही समय पर करना चाहिए।
क्या यह मंत्र सभी के लिए लाभकारी है?
हाँ, यह मंत्र सभी लोगो के लिए सामान रूप से लाभकारी है।