गणेश भगवान की आरती | Ganesh Bhagwan Ki Aarti : एक श्रद्धा और भक्ति का संगम

गणेश भगवान की आरती हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है, और Ganesh Bhagwan Ki Aarti उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का एक माध्यम है। गणेश जी की आरती न केवल धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा है, बल्कि यह एक आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी है।

आरती का गायन श्रद्धा और विश्वास से भरपूर होता है। इसमें भगवान गणेश के रूप, उनके कार्यों और उनकी महिमा का बखान किया जाता है। यह आरती न केवल पूजा का हिस्सा है, बल्कि भक्तों के दिलों में एक खास प्रकार की शांति और आत्मविश्वास का संचार करती है। हमने इस आरती को आपके लिए नीचे उपलध कराया है-

गणेश भगवान की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

गणेश आरती का नियमित पाठ व्यक्ति को प्रेरित करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है। इनके साथ-साथ Shiv Ji Aarti, Parvati Mata Ki Aarti और Laxmi Ji Ki Aarti भी आपके लिए लाभदायक हो सकता है।

Ganesh Bhagwan Ki Aarti करने की विधि:

यह पूजा विधि एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे आसानी से घर पर किया जा सकता है। नीचे आरती करने की विधि की पूरी जानकारी दी गई है:

  1. स्नान: सबसे पहले पूजा करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। इससे आपके मन और शरीर में शुद्धता आएगी, जो पूजा के लिए जरूरी है।
  2. स्थल की तैयारी: पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान का चयन करें, जैसे घर का पूजा कक्ष या कोई ऐसा स्थान जहां शांति हो।
    भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें। पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र रखें। इसे सजाने के लिए फूल, दीपक या अगरबत्ती का प्रयोग करें।
  3. सामग्री: भगवान गणेश को अर्पित करने के लिए कुछ शुभ सामग्री रखें, जैसे दूर्वा, लाल फूल, गुलाब, मोदक, फल, मिठाई
    जल का कलश या गंगाजल, दीपक (घी का दीपक सर्वोत्तम माना जाता है), अगरबत्ती या धूपबत्ती, चंदन, सिंदूर, और अक्षत आदि।
  4. मंत्र जाप: सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें। उनकी प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर उनके स्वरूप का ध्यान करें और उन्हें प्रणाम करें। “ॐ गं गणपतये नमः” या “ॐ गण गणपतये नमः” का मंत्र 5-10 बार जप करें।
  5. अर्पण: भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र के सामने पुष्प अर्पित करें। उन्हें मोदक, मिठाई, फल अर्पित करें, क्योंकि गणेश जी को मोदक प्रिय है। घी का दीपक जलाएं और उसके चारों ओर 360 डिग्री घुमाते हुए गणेश जी की आरती शुरू करें।
  6. आरती: अब ऊपर दि गई आरती गाएं। यह आरती भगवान गणेश के सभी गुणों का बखान करती है और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करती है। आरती गाते समय ध्यान रखें कि हर शब्द को श्रद्धा से गाया जाए। आरती के दौरान दीपक को गणेश जी के सामने घुमाना चाहिए। इसके बाद दीपक को सुरक्षित स्थान पर रखें और भगवान गणेश के सामने शांति से बैठें।
  7. धन्यवाद: आरती समाप्त होने के बाद भगवान गणेश को धन्यवाद कहें। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें और सुख-शांति की कामना करें। यदि कोई विशेष इच्छा हो, तो उसे भगवान गणेश से प्रकट करें और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
  8. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भगवान गणेश को अर्पित किए गए प्रसाद (मोदक, मिठाई, फल आदि) को परिवार के सभी सदस्यों में बांटें।
    प्रसाद ग्रहण करें, क्योंकि इसे भगवान गणेश का आशीर्वाद माना जाता है।
  9. स्थल की सफाई: पूजा के बाद पूजा स्थल को फिर से स्वच्छ करें। दीपक और अगरबत्ती की राख को नष्ट करें और पूजा सामग्री को ठीक से संग्रहित करें।

आरती करने के लाभ:

आरती करने से न केवल धार्मिक लाभ प्राप्त होता है, बल्कि यह मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी होती है। नीचे गणेश आरती करने के प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

  1. सकारात्मक ऊर्जा: गणेश आरती से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। यह नकारात्मक विचारों और उर्जा को दूर करती है और व्यक्ति को आत्मविश्वास से भर देती है।
  2. विघ्नों का नाश: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। गणेश आरती करने से जीवन में आने वाली बाधाएं और विघ्न दूर होते हैं।
  3. धन की प्राप्ति: गणेश जी की आरती करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है और धन की कमी दूर होती है। यह घर में सुख-समृद्धि और समृद्धि लाने का एक साधन है।
  4. मानसिक संतुलन: गणेश आरती मानसिक शांति प्रदान करती है। इससे व्यक्ति के मन में शांति, संतुलन और स्थिरता आती है।
  5. परिवार में प्रेम: जब गणेश आरती परिवार के सभी सदस्य मिलकर गाते हैं, तो यह परिवार में प्रेम, एकता और सौहार्द बढ़ाती है।
  6. शरीरिक स्वास्थ्य: नियमित रूप से गणेश आरती करने से मानसिक शांति मिलती है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
  7. जीवन में सफलता: आरती करने से कार्यों में सफलता मिलती है। यह कर्म और भाग्य को अनुकूल बनाता है, जिससे व्यक्ति को उसके प्रयासों में सफलता प्राप्त होती है।
  8. कष्टों से मुक्ति: गणेश जी की पूजा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं। यह किसी भी प्रकार की मानसिक या शारीरिक समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक है।
  9. पुण्य और आशीर्वाद: आरती करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह व्यक्ति के अच्छे कर्मों का लेखा-जोखा बढ़ाता है और भगवान गणेश के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति और आशीर्वाद मिलता है।

गणेश आरती न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में सकारात्मक बदलाव लाने का एक शक्तिशाली साधन है। इससे व्यक्ति को मानसिक शांति, समृद्धि, और विघ्नों से मुक्ति मिलती है।

FAQ

गणेश आरती करने के बाद क्या करना चाहिए?

गणेश आरती करने के बाद भगवान गणेश का आभार व्यक्त करें और उन्हें धन्यवाद दें। फिर, अर्पित किए गए प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में वितरित करें।

क्या आरती केवल पूजा के दौरान ही गानी चाहिए?

क्या गणेश आरती को किसी विशेष दिन गाना चाहिए?

क्या आरती का प्रभाव तभी होता है जब इसे सही तरीके से गाया जाए?

Share

Leave a comment