विश्वकर्मा पूजा सामग्री लिस्ट : संपूर्ण मार्गदर्शिका

भगवान विश्वकर्मा को शिल्प, निर्माण और तकनीकी कार्यों के देवता के रूप में पूजा जाता है। उनकी पूजा विशेष रूप से कारीगरों, इंजीनियरों और तकनीकी पेशेवरों के बीच लोकप्रिय है। यहाँ हमने आपके पूजा- पाठ के लिए विश्वकर्मा पूजा सामग्री लिस्ट को मुख्य रूप से निचे उपलब्ध कराया हैं, Vishwakarma Puja Samagri List की सहायता से आप अपने पूजा को विधिपूर्वक संपन्न कर सकते हैं।​

Vishwakarma Puja Samagri List

श्रेणीसामग्री का नाममात्रा / विवरण
पूजा स्थल की सजावटलाल या पीला कपड़ा1 मीटर
फूलों की माला (गेंदे, गुलाब)2–3 माला
रंगोली रंगपर्याप्त मात्रा
दीपक और अगरबत्ती1 सेट
मुख्य पूजन सामग्रीभगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या फोटो1 चित्र / मूर्ति
कलश (पीतल/मिट्टी)1
पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, शक्कर)1 कटोरी प्रत्येक
गंगाजल1 लोटा
रोली, अक्षत, हल्दी, कुमकुमथोड़ा-थोड़ा
सुपारी, लौंग, इलायची5-5 नग
नारियल (सूखा और पानी वाला)1-1 नग
पान के पत्ते21 पत्ते
केले के पत्ते5 पत्ते
दूब घास1 गुच्छा
तुलसी की पत्तियांकुछ पत्तियां
मिठाई500 ग्राम
मौसमी फल5 प्रकार
धूप, कपूर, रुई की बातीप्रत्येक थोड़ा-थोड़ा
देशी घी500 ग्राम
हवन सामग्री1 पैकेट / थैली
जनेऊ5 पीस
कलावा5 पीस
चुनरी (लाल या पीली)1
माचिस1 डिब्बी
थाली, लोटा, कटोरी, परातप्रत्येक 1
कैंची / चाकू (लड़ी काटने हेतु)1
अखंड दीपक1
मिट्टी के दीये8 पीस
हवन कुंड1

नोट: यह सामग्री केवल सूचना के उद्देश्य से प्रदान की गई है। पूजा विधि और सामग्री में क्षेत्रीय परंपराओं के अनुसार भिन्नता हो सकती है।

पूजा करने की विधि

अगर आप यह सोच रहे हैं कि विश्वकर्मा पूजा की सही विधि क्या है, तो ये जानकारी आपके बहुत काम आएगी। हमने यहाँ सरल और भावपूर्ण तरीके से पूरी विधि बताई है, जिसे कोई भी आसानी से अपना सकता है।

  1. साफ-सफाई: पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और फूलों, रंगोली, दीपक आदि से सजाएं।​
  2. वेदी की स्थापना: भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या फोटो को साफ कपड़े पर स्थापित करें और उसके चारों ओर पूजा सामग्री को सही तरिके से रखे।​
  3. आह्वान और पूजा: दीपक और अगरबत्ती जलाकर भगवान का आह्वान करें और उनकी फूल, माला, रोली, अक्षत आदि अर्पित करें। इसके बाद पंचामृत से अभिषेक करें और फिर गंगाजल से शुद्ध करें।​
  4. हवन: हवन कुंड में हवन सामग्री डालकर अग्नि प्रज्वलित करें और मंत्रों का उच्चारण करते हुए आहुति दें।​
  5. प्रसाद अर्पण: मिठाई, फल, नारियल आदि भगवान को अर्पित करें और पूजा के बाद प्रसाद के रूप में वितरित करें।​
  6. आरती और समापन: भक्ति गीत गाते हुए आरती करें और भगवान से कार्यों में सफलता और समृद्धि की प्रार्थना करें।​

इस विधि से की गई पूजा न सिर्फ आपके कार्य की शुरुआत को शुभ बनाती है, बल्कि कार्यस्थल पर सकारात्मकता, सुरक्षा और सफलता का वातावरण भी बनाती है।

FAQ

विश्वकर्मा पूजा कब मनाई जाती है?

यह पूजा कन्या संक्रांति के दिन, यानी 17 सितंबर को मनाई जाती है।

क्या पूजा में मशीनों की भी पूजा होती है?

क्या विश्वकर्मा पूजा में कलश स्थापित किया जाता है?

क्या पूजा सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध है?

क्या पूजा के लिए पंडित की आवश्यकता होती है?

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