ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। शनि ग्रह कुंडली में अशुभ स्थिति में है ये जानने के लिए शनि खराब होने के लक्षण पता होना जरुरी है। क्योकि इसका सीधा प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। ऐसे समय में हम आपको Shani Kharab Hone Ke Lakshan के लक्षण को विस्तार से बताएंगे-
Shani Kharab Hone Ke Lakshan
शनि के ख़राब होने के निम्नलिखित लक्षण होते हैं, जिसके विषय में हमने विस्तार से निचे बताया है:
- कार्यों में विफलता: जब शनि अशुभ होता है, तो व्यक्ति कितनी भी मेहनत कर ले, सफलता उससे दूर ही रहती है। हर कार्य में अड़चनें आती हैं और योजनाएं अंतिम समय पर विफल हो जाती हैं।
- शरीर में थकान: शनि के खराब प्रभाव के कारण व्यक्ति को लगातार थकान महसूस होती है। शरीर में ऊर्जा की कमी बनी रहती है और हर समय आलस्य हावी रहता है।
- मानसिक तनाव: शनि जब प्रतिकूल होता है तो व्यक्ति मानसिक रूप से बेचैन हो जाता है। उसे बिना किसी कारण चिंता रहती है, और वह खुद को अकेला महसूस करने लगता है।
- आर्थिक स्थिति: शनि की अशुभ दशा व्यक्ति के धन से संबंधित कार्यों को प्रभावित करती है। आमदनी रुक जाती है या अचानक बड़े आर्थिक नुकसान झेलने पड़ते हैं।
- रिश्तों में दूरी: अशुभ शनि के कारण परिवार या मित्रों के साथ मतभेद बढ़ने लगते हैं। व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है जिससे रिश्तों में तनाव पैदा होता है।
- कानूनी उलझनों: कई बार शनि की वजह से व्यक्ति को झूठे आरोपों या कानूनी मामलों का सामना करना पड़ता है। कोर्ट-कचहरी के चक्कर लग सकते हैं।
- समस्याएं: शनि खराब होने के लक्षण में व्यक्ति को नींद में बाधा होती है या उसे डरावने सपने आते हैं। अनिद्रा जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
- असमय दुर्घटनाएं: अशुभ शनि व्यक्ति को बार-बार चोट लगने, वाहन दुर्घटना या अन्य अनहोनी घटनाओं से प्रभावित करता है।
- त्वचा संबंधी रोग: शरीर पर नीले, काले धब्बे, स्किन एलर्जी, या पुरानी बीमारियों से जूझना – ये भी शनि के प्रभाव से जुड़े संकेत माने जाते हैं।
- जीवन में अचानक ठहराव: जब शनि अनुकूल नहीं होता, तब व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आ जाती है। न तो कुछ नया होता है, न ही पुराना ठीक से चलता है।
यदि आप उपरोक्त लक्षणों में से कई का अनुभव कर रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि शनि देव की स्थिति आपकी कुंडली में ठीक नहीं है। उचित ज्योतिषीय सलाह और उपायों द्वारा शनि के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
शनि के दुष्प्रभाव से बचने के प्रभावी उपाय
अगर उपरोक्त लक्षणों में से कुछ आपके जीवन में दिखाई दे रहे हैं, तो इन उपायों से शनि को शांत किया जा सकता है:
- शनि देव की पूजा: हर शनिवार को शनि मंदिर जाकर सरसों का तेल चढ़ाएं, शनि चालीसा पढ़ें और ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
- गरीब और असहाय: शनि न्यायप्रिय हैं। यदि आप जरूरतमंदों की मदद करते हैं, तो शनि प्रसन्न होते हैं। खासकर अंधों, अपंगों और वृद्धों की सेवा करें।
- पीपल के पेड़: हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और सात बार परिक्रमा करें। यह उपाय विशेष फलदायी होता है।
- शनि मंत्र: शनि बीज मंत्र: “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः“।
- दान करें: शनिवार को लोहे की वस्तु, काले तिल, काले कपड़े और उड़द दाल का दान करें। इससे शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
- अमावस्या का व्रत: यह व्रत रखने से शनि की साढ़ेसाती और ढैया जैसे दोषों से राहत मिलती है। इस दिन विशेष रूप से शनि की पूजा करें।
FAQ
शनि खराब होने के मुख्य लक्षण क्या होते हैं?
जब शनि अशुभ होता है तो व्यक्ति को मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती, मानसिक तनाव बढ़ता है और जीवन में बार-बार बाधाएं आती हैं।
शारीरिक रूप से शनि के खराब प्रभाव कैसे महसूस होते हैं?
शरीर में थकान, आलस्य, जोड़ों में दर्द, नींद की कमी और त्वचा या बालों की समस्याएं हो सकती हैं।
शनिवार को क्या उपाय करने चाहिए शनि को शांत करने के लिए?
शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करें, सरसों का तेल चढ़ाएं, काले तिल दान करें और शनि चालीसा का पाठ करें।
क्या शनि देव की पूजा से जीवन में सुधार आता है?
हां, नियमित पूजा, सेवा और दान से शनि का प्रभाव शांत होता है और जीवन में स्थिरता आती है।
मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩