Jai Jai Jai Hanuman Gosai Lyrics | जय जय जय हनुमान गोसाईं लिरिक्स

जय जय जय हनुमान गोसाईं लिरिक्स के बोल सुनते ही हमारे भीतर जो भावना जागृत होती है, वह किसी साधारण गीत से कहीं अधिक होती है। यह भजन हमें हनुमान जी की महानता, उनकी शक्ति, और उनके अतुलनीय साहस का स्मरण कराता है। Jai Jai Jai Hanuman Gosai Lyrics के शब्दों में एक गहरी आध्यात्मिक ऊर्जा होती है, जो हमारी आत्मा को जागृत करने का सामर्थ्य रखती है।

जब हम इन पंक्तियों को गुनगुनाते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे हनुमान जी का आशीर्वाद हमारे चारों ओर फैल गया हो, हमारी रक्षा कर रहा हो, और हमें सही राह दिखा रहा हो। इसका नियमित पाठ करने के लिए आप जय जय हनुमान गोसाईं PDF का उपयोग आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इस भजन के सम्पूर्ण लिरिक्स को हमने आपके लिए नीचे उपलब्ध कराया है-

जय जय जय हनुमान गोसाईं लिरिक्स

वेगी हरो हनुमान महाप्रभु
जो कुछ संकट होये हमारो।
कौन सो संकट मोर गरीबों को
जो तुम से नहीं जाट टारो।


जय जय जय हनुमान गोसाईं
कृपा करों महाराज।

तन में तुम्हरे शक्ति विराजे,
मन भक्ति से भीना।
जो जन तुम्हरी शरण में आये,
दुःख दरद हर लीना हनुमत।
महावीर प्रभु हम दुखियन के,
तुम हो गरीब निवाज हनुमत।


जय जय जय हनुमान गोसाई,
कृपा करो महाराज…….

राम लखन वैदेही तुम पर,
सदा रहे हर्षाये।
हृदय चीर के राम सिया का,
दर्शन दिया कराए हनुमत,
दर्शन दिया कराए।
दोऊ कर जोड़ अरज हनुमंता,
कहियो प्रभु से आज हनुमत,
कहियो प्रबु से आज
.

जय जय जय हनुमान गोसाई,
कृपा करो महाराज……

यदि आप भी हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद को अपने जीवन में अनुभव करना चाहते हैं, तो ऊपर दिए इस आरती के पवित्र बोलों का स्मरण अवश्य करें। अगर आप अपनी भक्ति को और गहराई देना चाहते हैं तो, Hanuman Ji Ki Aarti, Bajarang Baan और Hanuman Chalisa In Hindi Pdf से जुड़े लेख पढ़ें और अपने जीवन में शांति और सकारात्मकता लाएं।

Jai Jai Jai Hanuman Gosai Lyrics करने की विधि

  1. स्थल: पूजा स्थल को साफ और पवित्र करें। दीपक, अगरबत्ती, फूल, चंदन, सिंदूर और प्रसाद जैसे पूजन सामग्रियों को तैयार रखें।
  2. स्वच्छता: स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें और पूजा स्थल पर शांत मन से बैठें।
  3. मूर्ति स्थापना: हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
  4. संकल्प लें: आरती शुरू करने से पहले हनुमान जी से प्रार्थना करें और अपने जीवन के संकटों को दूर करने का निवेदन करें।
  5. आह्वान: हनुमान जी का ध्यान करें और उनका आह्वान करें।
  6. सामग्री अर्पण: हनुमान जी को सिंदूर, चंदन और अक्षत (चावल) अर्पित करें। फूल और अगरबत्ती जलाकर हनुमान जी के समक्ष रखें। प्रसाद में लड्डू या गुड़ चना अर्पित करें।
  7. आरती का पाठ: अब ऊपर दिए हुए आरती का पाठ करें। दीपक जलाकर उसे घुमाते हुए आरती गाएं।
  8. घंटी बजाना: आरती के दौरान या अंत में घंटी बजाएं, इससे वातावरण पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
  9. प्रसाद वितरण: आरती समाप्त होने के बाद हनुमान जी को अर्पित प्रसाद को सभी में वितरित करें।
  10. प्रार्थना: आरती समाप्त करने के बाद हनुमान जी से आशीर्वाद प्राप्त करें और उन्हें धन्यवाद दें।
  11. पूजा समापन: दीपक और पूजा सामग्री को सही स्थान पर रखें और मन में शांत चित्त होकर अपने दिन की शुरुआत करें।

आरती करने के लाभ

हनुमान जी की आरती “जय जय जय हनुमान गोसाई” का पाठ करना व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाने वाला माना गया है। इस आरती को श्रद्धा और निष्ठा के साथ करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  1. संकटों से मुक्ति: इस आरती का नियमित पाठ जीवन के हर प्रकार के संकटों और परेशानियों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
  2. मानसिक स्थिरता: आरती के दौरान सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है। यह मन को शांत और स्थिर बनाती है।
  3. साहस में वृद्धि: आरती करने से व्यक्ति के भीतर साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है, जिससे वह कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना कर सकता है।
  4. शत्रु बाधा: हनुमान जी की आरती से शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश होता है। यह व्यक्ति को हर प्रकार की नकारात्मकता से बचाने में सहायक है।
  5. जागरूकता: आरती का पाठ व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से जागरूक करता है। इससे आत्मा को शुद्धि और शांति का अनुभव होता है।
  6. शारीरिक बल: हनुमान जी की कृपा से आरती करने वालों को शारीरिक बल और मानसिक मजबूती प्राप्त होती है, जिससे वे अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करते हैं।
  7. शुभता और समृद्धि: हनुमान जी के आशीर्वाद से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। यह आरती जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली लाती है।
  8. अनिश्चितता: हनुमान जी की आरती का पाठ करने से सभी प्रकार के भय और अनिश्चितता दूर हो जाते हैं। यह व्यक्ति को मानसिक रूप से सशक्त बनाता है।
  9. बीमारियों से राहत: हनुमान जी की आराधना से शारीरिक और मानसिक कष्टों में राहत मिलती है। आरती का पाठ करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  10. मनोकामना: श्रद्धा और निष्ठा से की गई आरती हनुमान जी का आशीर्वाद दिलाती है, जिससे व्यक्ति की सभी इच्छाएं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

FAQ

जय जय जय हनुमान गोसाईं के बोल किसके द्वारा लिखे गए हैं?

इन पवित्र बोलों संत तुलसीदास जी ने लिखा था है, जिन्होंने हनुमान चालीसा और कई अन्य भक्तिपूर्ण रचनाएँ लिखीं, हालांकि विभिन्न संस्करणों में इसे अलग-अलग कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया है।

क्या यह भजन बच्चों के लिए उपयुक्त है?

क्या इस भजन के बोल से जुड़े किसी विशेष पर्व का महत्व है?

इस भजन को कैसे गाया जाता है?

Share

Leave a comment