भोले शंकर की शान निराली आए है आज दूल्हा बनके

भोले शंकर की शान निराली, आए हैं आज दूल्हा बनके —यह भजन भगवान शिव के अद्भुत विवाह उत्सव को दर्शाता है। जब महादेव स्वयं दूल्हा बनकर गौरा माता के साथ विवाह के लिए प्रकट होते हैं, तो समस्त ब्रह्मांड आनंदित हो उठता है। यह भजन शिव-पार्वती के दिव्य मिलन की महिमा को उजागर करता है और हमें उनकी अलौकिक प्रेम गाथा का स्मरण कराता है।

Bhole Shankar ki Shan Nirali Aaye Hai Aaj Dulha Banke

भोले शंकर की शान निराली,
आए है आज दूल्हा बनके
गौरा रानी से विवाह रचाने,
आए हैं भोले बनठन के।।

शिव जी का है श्रृंगार निराला,
सांप और बिच्छुओं को गले में डाला
चंदा सोहे जिनके भाल,
नन्दी पे बैठे तन के
भोलें शंकर की शान निराली,
आए है आज दूल्हा बनके।।

ब्रह्मा विष्णु भी सज कर आए,
गायत्री लक्ष्मी को संग में लाए
सभी देवगण हुए निहाल,
आए हैं बाराती बनके
भोलें शंकर की शान निराली,
आए है आज दूल्हा बनके।।

भूत प्रेत सब बने हैं बाराती,
जोगनियां भी शोर मचाती
भूतों की बारात देख सब,
भागे बच्चे डर डर के
भोलें शंकर की शान निराली,
आए है आज दूल्हा बनके।।

राजा हिमाचल खुशी मनाते,
गौरा के भाग्य को सराहते
मैना आरती करें भोले की,
‘श्याम’ गाए भाव मन के
भोलें शंकर की शान निराली,
आए है आज दूल्हा बनके।।

भोले शंकर की शान निराली,
आए है आज दूल्हा बनके
गौरा रानी से विवाह रचाने,
आए हैं भोले बनठन के।।

शिव-पार्वती विवाह केवल एक विवाह नहीं, बल्कि समर्पण, प्रेम और शक्ति का प्रतीक है। जो भी भक्त इस पावन प्रसंग को भक्ति भाव से करता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। महादेव की इस अलौकिक महिमा को और गहराई से अनुभव करने के लिए शिव ने श्रृंगार किया है गौरा क्या बाकी , गौरा मेहंदी लगाओ , शिव तो ठहरे सन्यासी गौरा पछताओगी , और भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन जैसे अन्य शिव भजनों को भी करें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें। ????????

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