शिव ने श्रृंगार किया है गौरा क्या बाकी लिरिक्स

भगवान शिव का दिव्य स्वरूप और उनका अद्भुत श्रृंगार हर भक्त के मन को मोह लेता है। उनके अलौकिक रूप की महिमा का वर्णन अनेक भजनों में किया गया है। शिव ने श्रृंगार किया है गौरा क्या बाकी भजन भी इसी भक्ति-भावना को व्यक्त करता है। इस भजन में शिव जी के दिव्य श्रृंगार और माता गौरा के प्रेम की झलक देखने को मिलती है, जिससे हर शिवभक्त आनंदित हो जाता है। आइए, इस भक्तिमय भजन का रसास्वादन करें।

Shiv Ne Singar Kiya Hai Gaura kya Baki

शिव ने श्रृंगार किया है
गौरा क्या बाकी,
गौरा हंस करके बोली
सजन थोड़ा है बाकी,
शिव ने सिंगार किया है,
गौरा क्या बाकी।।

सिर पर है मांग की मेहन्दी
कान में पहने बाली,
लगा है आंखों में कजरा
होंठ पर लगी है लाली,
नाक में पहने नथनी
कहो अब क्या है बाकी,
पिया बिंदीं है बाकी
शिव ने सिंगार किया है,
गौरा क्या बाकी।।

साड़ी बनारस वाली
कानपुर की है करधनी,
माला मद्रास का पहना
शोभा क्या इसकी कहनी,
पांव में पहने पायल,
कहो अब क्या है बाकी
सजन बिछुआ है बाकी,
शिव ने सिंगार किया है,
गौरा क्या बाकी।।

चोली चटक रंग वाली
कमर में पेंदी पहनी,
साड़ी का सीधा पल्ला,
शोभा क्या इसकी कहनी
हाथ बाजूबंद पहने,
कहो अब क्या है बाकी
सजन चूड़ी है बाकी,
शिव ने सिंगार किया है
गौरा क्या बाकी।।

पूरा श्रृंगार किया है
गोकुल प्रस्थान किया है,
भोले जी बने बहुरिया
ऐसा श्रृंगार किया है,
चल रहे धीरे धीरे
कहो अब क्या है बाकी,
सजन घूंघट है बाकी
शिव ने सिंगार किया है,
गौरा क्या बाकी।।

शिव ने श्रृंगार किया है
गौरा क्या बाकी,
गौरा हंस करके बोली
सजन थोड़ा है बाकी,
शिव ने सिंगार किया है
गौरा क्या बाकी।।

शिव जी के अद्भुत श्रृंगार और उनकी महिमा का गुणगान करना हर भक्त के लिए सौभाग्य की बात होती है। शिव ने श्रृंगार किया है गौरा क्या बाकी भजन के माध्यम से हमें भोलेनाथ के अलौकिक स्वरूप का दर्शन प्राप्त होता है। शिवजी की भक्ति में लीन होकर उनके अन्य भजनों जैसे हर हर शंभू शिव महादेवा, चलती है सारी सृष्टि महाकाल के दर से, भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन, और भोले के हाथों में है भक्तों की डोर को भी अवश्य पढ़ें और महादेव की कृपा प्राप्त करें। 🚩🔱

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