नवग्रह बीज मंत्र छोटे लेकिन शक्तिशाली वैदिक मंत्र होते हैं, जो ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित करने में सहायक होते हैं। Navgrah Beej Mantra का नियमित जाप जीवन में शांति, सफलता और सकारात्मकता लाता है। ग्रह दोष निवारण के लिए यह एक प्रभावशाली साधना मानी जाती है, जिससे मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त होता है।
Navgrah Beej Mantra In Hindi
सूर्य (Sun)
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।।1।।
चंद्र (Moon)
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः।।2।।
मंगल (Mars)
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।।3।।
बुध (Mercury)
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।।4।।
गुरु (Jupiter)
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।।5।।
शुक्र (Venus)
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।।6।।
शनि (Saturn)
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।7।।
राहु ( North Node)
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।।8।।
केतु (South Node)
ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।।9।।
अगर आप नवग्रह मंत्र का जाप शुरू कर रहे हैं, तो इसे और असरदार बनाने के लिए आपको पूरी नवग्रह शांति पूजा विधि भी ज़रूर जाननी चाहिए। इसके साथ ही, हर ग्रह से जुड़ी दान सामग्री, सही जाप संख्या, और पूजा के दिन व रंग जैसी बातें भी बहुत काम की होती हैं।
Navgrah Beej Mantra की मुख्य जाप विधि
- स्नान और शुद्धता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़, हल्के रंग के कपड़े पहनें। मन और शरीर दोनों की शुद्धता इस साधना के लिए ज़रूरी होती है।
- स्थान और दिशा का चयन: घर के किसी शांत और पवित्र स्थान पर आसन बिछाएं। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है।
- पूजा सामग्री की तैयारी: तांबे या पीतल के पात्र में जल भरें, पास में दीपक, अगरबत्ती, कुछ फूल और एक माला (रुद्राक्ष या तुलसी की) रखें। अगर चाहें तो नवग्रहों के प्रतीक रूप में नौ चीजें भी रख सकते हैं, जैसे – गेहूं, चावल, काली उड़द, तिल आदि।
- संकल्प लें: आंखें बंद कर के मन ही मन नवग्रहों को प्रणाम करें और यह संकल्प लें कि आप श्रद्धा और नियमपूर्वक जाप करेंगे, ताकि जीवन में शांति और संतुलन बना रहे।
- बीज मंत्रों का जाप: अब एक-एक करके सभी नौ ग्रहों के बीज मंत्रों का जाप करें। हर मंत्र को कम से कम 11 बार, और समय हो तो 108 बार जाप करें। उच्चारण शुद्ध और मन एकाग्र होना चाहिए।
- प्रार्थना और आभार: सभी मंत्रों के जाप के बाद नवग्रहों का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें कि वे अपने शुभ प्रभाव से आपके जीवन को सकारात्मकता और उन्नति से भर दें।
- दान और समापन: पूजा के अंत में ग्रहों से जुड़ी वस्तुएं जैसे तिल, वस्त्र, अनाज आदि किसी ज़रूरतमंद को दान करें। इससे पूजा पूर्ण मानी जाती है और इसका फल और अधिक शुभ होता है।
FAQ
इन मंत्रों का जाप कब करना चाहिए?
बीज मंत्रों का जाप सुबह ब्रह्ममुहूर्त या सूर्योदय के समय करना सबसे शुभ माना जाता है। विशेष ग्रह दोष की स्थिति में किसी ज्योतिषाचार्य से मुहूर्त लेकर जाप शुरू करना बेहतर होता है।
क्या सभी मंत्र एक साथ जप सकते हैं?
हाँ, अगर आप नवग्रह शांति के लिए साधना कर रहे हैं, तो सभी नौ ग्रहों के बीज मंत्र एक साथ जपे जा सकते हैं। हर मंत्र के लिए 11, 21 या 108 बार जाप करना उचित होता है।
क्या बीज मंत्र जाप से ग्रह दोष दूर हो जाते हैं?
बीज मंत्रों में ग्रहों की चेतना से जुड़ने की शक्ति होती है। अगर इन्हें श्रद्धा और नियमपूर्वक जपा जाए, तो ग्रहों की शांति होती है और उनका अशुभ प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है।
माला से जाप करना ज़रूरी है?
ज़रूरी नहीं, लेकिन अगर माला से जपते हैं तो ध्यान एकाग्र होता है और मंत्रों की गिनती भी बनी रहती है। रुद्राक्ष या तुलसी की माला सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके। View Profile 🚩 जय श्री राम 🚩