श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स एक दिव्य भक्ति साधन है जो हमुमान जी की उपासना और आराधन में उपयोग किया जाता है। Shri Hanuman Chalisa Lyrics का पाठ करते समय इसके शब्दों का उच्चारण, उसकी लय और हर छंद का अर्थ भक्तों को शांति और ऊर्जा से भर देता है। इसमें हनुमान जी साहस, भक्ति और राम के प्रति उनके प्रेम का वर्णन मिलता है। यह चालीसा तुलसीदास जी द्वारा लिखी गई थी, जिसमे 40 छंद है।
लोग प्रायः इसे अपने दिन की शुरुआत में पढ़ते हैं, जिससे दिनभर सकारात्मकता और उत्साह बना रहे। हनुमान चालीसा सांग MP3 डाउनलोड करके भी इस भक्ति पाठ को किया जा सकता हैं। यह चालीसा हमें यह सिखाती है कि अटूट विश्वास, सच्ची भक्ति और साहस के साथ हर बाधा को पार किया जा सकता है। सम्पूर्ण चालीसा ले लिरिक्स को हमे आपके लिए नीचे उपलब्ध कराया है –
श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि,
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार,
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ,
जय कपीस तिहुं लोक उजागर॥१॥
रामदूत अतुलित बल धामा,
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥२॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी,
कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा,
कानन कुंडल कुंचित केसा॥४॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै,
कांधे मूंज जनेऊ साजै॥५॥
संकर सुवन केसरीनंदन,
तेज प्रताप महा जग बन्दन॥६॥
विद्यावान गुनी अति चातुर,
राम काज करिबे को आतुर ॥७॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया,
राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा,
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥
भीम रूप धरि असुर संहारे,
रामचंद्र के काज संवारे॥१०॥
लाय सजीवन लखन जियाये,
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये॥११॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई,
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥१२॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं,
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥१३॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा,
नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥
जम कुबेर दिगपाल जहां ते,
कबि कोबिद कहि सके कहां ते॥१५॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा,
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना,
लंकेस्वर भए सब जग जाना॥१७॥
जुग सहस्र जोजन पर भानू,
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥१८॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं,
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥१९॥
दुर्गम काज जगत के जेते,
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥
राम दुआरे तुम रखवारे,
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना,
तुम रक्षक काहू को डर ना॥२२॥
आपन तेज सम्हारो आपै,
तीनों लोक हांक तें कांपै॥२३॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै,
महाबीर जब नाम सुनावै॥२४॥
नासै रोग हरै सब पीरा,
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै,
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥२६॥
सब पर राम तपस्वी राजा,
तिन के काज सकल तुम साजा॥२७॥
और मनोरथ जो कोई लावै,
सोइ अमित जीवन फल पावै॥२८॥
चारों जुग परताप तुम्हारा,
है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥
साधु-संत के तुम रखवारे,
असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता,
अस बर दीन जानकी माता॥३१॥
राम रसायन तुम्हरे पासा,
सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥
तुम्हरे भजन राम को पावै,
जनम-जनम के दुख बिसरावै॥३३॥
अन्तकाल रघुबर पुर जाई,
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई॥३४॥
और देवता चित्त न धरई,
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई॥३५॥
संकट कटै मिटै सब पीरा,
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥
जै जै जै हनुमान गोसाईं,
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥३७॥
जो सत बार पाठ कर कोई,
छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा,
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥३९॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा,
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा ॥४०॥
दोहा
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥
विशेष अवसरों जैसे हनुमान जयंती, मंगलवार और शनिवार के दिन या संकट के समय भी Shri Hanuman Chalisa Lyrics का पाठ करने का विशेष महत्व है। इस दिन आप हनुमान जी की आरती, बजरंग बाण, सुन्दरकाण्ड स्तोत्र और हनुमान बहुक का पाठ करके हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते है।
FAQ
क्या चालीसा का पाठ करने की कोई विशेष विधि होती है ?
नहीं, आप अपने स्थानीय विधि के अनुसार चालीसा का पाठ कर सकते है, इसके लिए किसी विशेष विधि की आवश्यकता नहीं होती है।
इसका पाठ किस दिन करना चाहिए ?
हमारे पुराणों में मंगलवार और शनिवार का दिन ह्मूमन जी को समर्पित है अतः इस दिन हनुमान चालीसा का अवश्य करें।
क्या इसका पाठ महिलाएं भी कर सकती है ?
हाँ, हनुमान चालीसा का पाठ महिलाएं भी कर सकती है ये पाठ सभी के लिए बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध है।
चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए ?
3, 7 और 11 बार चालीसा पाठ करने की सलाह दी जाती है।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile