Shiv Stuti Lyrics | शिव स्तुति लिरिक्स

शिव स्तुति लिरिक्स का पाठ हमारे मन को शांति और आत्मिक शक्ति प्रदान करता है। शिव स्तुति का महत्व हमारे धार्मिक ग्रंथों में गहराई से वर्णित है। यह स्तुति विशेष रूप से भगवान शिव की महिमा का गान है, जो न केवल आध्यात्मिक बल को बढ़ाती है बल्कि जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती है। इस Shiv Stuti Lyrics के बोल अत्यंत सरल लेकिन प्रभावी होते है।

माना जाता है कि शिव स्तुति का नियमित पाठ व्यक्ति के अंदर की नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मकता की भावना को विकसित करता है, जिससे मन, शरीर और आत्मा को शांति मिलती है। इस लिरिक्स का पाठ सभी लोग सरलता और आसानी से कर सकते है। सम्पूर्ण स्तुति के लिरिक्स को हमने आपके लिए नीचे उपलब्ध कराया है।

शिव स्तुति लिरिक्स

आशुतोष शशांक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा॥१॥

निर्विकार ओमकार अविनाशी, तुम्ही देवाधि देव
जगत सर्जक प्रलय करता, शिवम सत्यम सुंदरा॥२॥

निरंकार स्वरूप कालेश्वर, महा योगीश्वरा
दयानिधि दानिश्वर जय, जटाधार अभयंकरा॥३॥

शूल पानी त्रिशूल धारी, औगड़ी बाघम्बरी।
जय महेश त्रिलोचनाय, विश्वनाथ विशम्भरा॥४॥

नाथ नागेश्वर हरो हर, पाप साप अभिशाप तम
महादेव महान भोले, सदा शिव शिव संकरा॥५॥

जगत पति अनुरकती भक्ति, सदैव तेरे चरण हो
क्षमा हो अपराध सब, जय जयति जगदीश्वरा॥६॥

जनम जीवन जगत का, संताप ताप मिटे सभी
ओम नमः शिवाय मन, जपता रहे पञ्चाक्षरा॥७॥

आशुतोष शशांक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा॥८॥

कोटि नमन दिगम्बरा.., कोटि नमन दिगम्बरा..
कोटि नमन दिगम्बरा

आप इस लिरिक्स के साथ शिव के अन्य पाठ जैसे Shiv Chalisa Lyrics, Shiv Tandav Stotram Lyrics In Hindi और Shiv Puran Katha का पाठ भी कर सकते है।

Shiv Stuti Lyrics विधि

शिव स्तुति भगवान शिव की स्तुति करने और उनकी कृपा पाने का एक भक्तिमय और प्रभावशाली तरीका है। शिव स्तुति की विधि और इसके पाठ के दौरान ध्यान देने योग्य बातें निम्नलिखित हैं-

  1. स्नानं: पाठ से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और अपने मन को भी शुद्ध करें।
  2. स्थान: पूजा के लिए किसी साफ और शांत स्थान को चुने जहां आप आसानी से बैठ कर स्तुति का पाठ कर सकें। पूजा स्थल पर शिव जी की प्रतिमा को विधिपूर्वक स्थापित कर दें।
  3. दीपक जलाएं: शिवलिंग या शिव प्रतिमा के सामने दीपक और धूप जलाएं। जल, दूध, बेलपत्र, पुष्प, और भस्म से भगवान शिव की पूजा करें।
  4. पाठ: शांत और पवित्र मन से शिव स्तुति का पाठ करें। शिव स्तुति का सही उच्चारण करें और उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध होना चाहिए।
  5. ध्यान: शिव जी का ध्यान करते हुए उनके स्वरूप की कल्पना करें और शिव मंत्रों का जाप करते हुए ध्यान करें।
  6. प्रसाद: अब शिव जी को प्रसाद चढ़ाएं। प्रसाद के रूप में आप भांग, पंचामृत और बर्फी का भोग लगा सकते है। भोग लगाने के बाद प्रसाद को वहाँ पर उपस्थित सभी लोगो में वितरित करें।
  7. समापन: अंत में शिव जी से क्षमा याचना करें यदि पाठ में कोई त्रुटि हुई हो तो हमे माफ़ करें। दीपक और धुप को किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें और पूजा स्थल को अच्छे से साफ कर दें।

स्तुति के लाभ

भगवान शिव की स्तुति करने से भक्त को कई आध्यात्मिक, मानसिक, और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं। यहाँ शिव स्तुति के प्रमुख लाभ दिए गए हैं-

  • स्थिरता: शिव स्तुति का नियमित पाठ मन को शांत करता है और तनाव, चिंता, और नकारात्मकता को दूर करता है।
  • बाधाओं का निवारण: उनकी स्तुति से जीवन की बाधाएँ, कष्ट, और रुकावटें दूर होती हैं। कठिन समय में शिव भक्ति मनोबल बढ़ाती है और नई ऊर्जा प्रदान करती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: यह पाठ से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अद्भुत माना गया है। यह रोग, दुख, और मृत्यु के भय को कम करता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: शिव स्तुति का पाठ करने से आत्मा की शुद्धि होती है। ध्यान और भजन से भक्त भगवान शिव की कृपा से मोक्ष (आत्मिक मुक्ति) के मार्ग पर अग्रसर होता है।
  • रिश्तों में सुधार: उनकी स्तुति करने से वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और प्रेम बना रहता है। परिवार में सौहार्द और आपसी विश्वास बढ़ता है।
  • धन और समृद्धि: शिव जी की पूजा और स्तुति से भौतिक सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा: शिव स्तुति व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर, और शत्रुओं के प्रभाव से बचाती है।

FAQ

इसका पाठ कब करना चाहिए ?

स्तुति का पाठ सुबह सुबह करना ज्यादा शुभ माना जाता है ?

क्या इसका पाठ सामूहिक रूप से किया जा सकता है ?

क्या पाठ करने के लिए किसी विशेष विधि की आवश्यकता होती है ?

क्या स्तुति के लिरिक्स का सभी लोग कर सकते है ?

Share

Leave a comment