कालों के काल महाकाल को मनाएंगे लिरिक्स

महाकाल केवल भगवान नहीं, वे स्वयं काल के भी काल हैं, जो भक्तों के कष्ट हरते हैं और अधर्मियों का नाश करते हैं। कालों के काल महाकाल को मनाएंगे भजन शिवजी की अनंत शक्ति और उनकी भक्ति के दिव्य प्रभाव का वर्णन करता है। जब सच्चे मन से महाकाल का स्मरण किया जाता है, तो हर भय समाप्त हो जाता है और जीवन में शांति का प्रकाश फैल जाता है। आइए, इस भजन को पढ़ें और महाकाल की भक्ति में डूब जाएं।

Kalo Ke Kal Mahakal Ko Manayege

कालों के काल महाकाल,
को मनाएंगे,
उज्जैन नगरी में,
शीश झुकाएंगे।1।

भांग धतूरा का,
भोग लगाते है,
बिल्वपत्ती जिनके,
सिर पर चढ़ाते हैं,
दूध दही से,
स्नान कर आएंगे,
कालो के काल महाकाल,
को मनाएंगे।2।

शीश पर चंदा जिनकी,
जटा में गंगा,
गले में नाग जिनके,
देखो भुजंगा,
दर्शन करने को,
उज्जैन नगरी जाएंगे,
कालो के काल महाकाल,
को मनाएंगे।3।

भस्म में लगाए भोला,
डमरू बजाए,
डमरू बजाए भोला,
डमरू बजाए,
डमरू की ताल पर,
वो सबको नचाएंगे,
कालो के काल महाकाल,
को मनाएंगे।4।

कालों के काल महाकाल,
को मनाएंगे,
उज्जैन नगरी में,
शीश झुकाएंगे।5।

महाकाल की उपासना करने वाला कभी किसी भय से नहीं घबराता, क्योंकि स्वयं महादेव उसके रक्षक होते हैं। इस भजन के माध्यम से हमने शिव जी की अपार महिमा का गुणगान किया। अगर आप महादेव की भक्ति को और गहरा अनुभव करना चाहते हैं, तो जय हो महाकाल की, शिव तेरा महिमा अपार, हर हर महादेव की गूंज, और भोलेनाथ की बारात जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और शिव आराधना में लीन हों। 🚩🔱

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