तेरो कान्हा बड़ो हरजाई रे मोहे मारे नजरिया

प्रेम और भक्ति के रंग में रंगा यह भजन तेरो कान्हा बड़ो हरजाई रे, मोहे मारे नजरिया भक्त के उस अलौकिक प्रेम को दर्शाता है, जिसमें वह कृष्ण की मोहक छवि से मोहित होकर उनकी ओर खिंचा चला जाता है। कान्हा की लीला ही ऐसी है कि जो भी एक बार उनकी नटखट अदाओं और मनमोहक दृष्टि का शिकार हो जाता है, वह फिर इस संसार की किसी और चीज़ में मन नहीं लगा पाता। आइए, इस भजन को पढ़ें और श्री कृष्ण की माधुरी का रसास्वादन करें।

Tero Kanha Bado Harjai Re Mohe Maare Najariya

दोहा – जो मैं ऐसा जानती,
प्रीत करे दुख होय,
नगर ढिंढोरा पीटती,
प्रीत ना करियो कोई।।

तेरो कान्हा बड़ो हरजाई रे,
मोहे मारे नजरिया।।1।।

गेल चलत में मेरा घूंघटा खोले,
घूंघटा खोले रे घूंघटा खोले,
मैं ना बोलूं मोसे जबरन बोले,
जबरन बोले हाय बरबस बोले,
याने ऐसी आदत बनाई रे,
श्याम मारे नजरिया,
तेरो लाला बडो हरजाईं रे,
मोहे मारे नजरिया।।2।।

एक दिन गयी थी मैं पनिया भरन को,
पनिया भरन को रे पनिया भरन को,
वा ने गेल में भारी सताई रे,
श्याम मारे नजरिया,
तेरो लाला बडो हरजाईं रे,
मोहे मारे नजरिया।।3।।

संग सहेली जाए दहिरा लेके,
दहिरा लेके रे दहिरा लेके,
मेरी दही की गगरिया गिराए हो,
श्याम मारे नजरिया,
तेरो लाला बडो हरजाईं रे,
मोहे मारे नजरिया।।4।।

काम छोड़ सब सखियाँ भागे,
सखियाँ भागे रे सखियाँ भागे,
याने जब जब मुरली बजाई रे,
श्याम मारे नजरिया,
तेरो लाला बडो हरजाईं रे,
मोहे मारे नजरिया।।5।।

तेरो कान्हा बडो हरजाई रे,
मोहे मारे नजरिया।।6।।

कान्हा की प्रेमलीला और उनकी मोहक मुस्कान हर भक्त को उनके प्रेम में डूबने पर विवश कर देती है। उनके इस दिव्य आकर्षण और प्रेम भाव को कमली वाले कमल नैन मोहन, सावन में झुलाओ झूला हमारे बाँके बिहारी को, रुत या सावन की आई, झूलन पधारो कान्हा बाग में, किशोरी किशन झूला पर विराजे जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्री कृष्ण के प्रेम में रमकर उनकी लीला का आनंद लें। जय श्री कृष्ण! 🙏💛

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