इक जोगी आयो री तेरे द्वार भजन भोलेनाथ के उस स्वरूप को दर्शाता है, जहाँ वे एक विरक्त योगी के रूप में भक्तों के द्वार पर आते हैं। महादेव त्याग और तपस्या के प्रतीक हैं, और जब वे स्वयं किसी भक्त के द्वार पर आते हैं, तो वह स्थान धन्य हो जाता है। यह भजन हमें शिव की असीम कृपा का एहसास कराता है और यह सिखाता है कि उनकी भक्ति से जीवन में सच्चा सुख और शांति प्राप्त होती है। आइए, इस भजन के भावों को पढ़कर शिव के योगी स्वरूप का दर्शन करें और उनकी भक्ति में डूब जाएं।
Ek Jogi Aayo Ri Tere Dwar
इक जोगी आयो री तेरे द्वार,
दिखा दे मुख लाल का,
ओ मैया दिखा दे मुख लाल का,
तेरे पलने में पालन हार,
दिखा दे मुख लाल का,
दिखा दे मुख लाल का।1।
लिए अखियों में प्यास,
जोगी करे अरदास,
बड़ी दूर से आयो,
लेके दरस की आस,
माई ऐसो संजोग ना टाल,
दिखा दे मुख लाल का,
ओ मैया दिखा दे मुख लाल का।2।
रख ले हीरे मोती तेरे,
ये पत्थर किस काम के मेरे,
जोगी हो गया मालामाल,
निरख मुख लाल का,
दिखा दे मुख लाल का,
री मैया दिखा दे मुख लाल का।3।
इक जोगी आयो री तेरे द्वार,
दिखा दे मुख लाल का,
ओ मैया दिखा दे मुख लाल का,
तेरे पलने में पालन हार,
तेरे पलने में पालन हार,
दिखा दे मुख लाल का,
दिखा दे मुख लाल का।4।
इक जोगी आयो री तेरे द्वार भजन हमें यह अनुभूति कराता है कि जब महादेव की कृपा होती है, तो वे स्वयं अपने भक्तों के पास आ जाते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं। जो भी उनकी भक्ति में रम जाता है, उसका जीवन कृतार्थ हो जाता है। यदि आपको यह भजन अच्छा लगा, तो तेरे दर जबसे ओ भोले आना जाना हो गया, भोले बाबा ने पकड़ा हाथ अकेला मत समझो, अब सबकुछ सम्भालो भोलेनाथ मैं आया तेरे चरणों में, और भोला तेरे भक्तों को तेरा ही सहारा है भी करें। इन भजनों को पढ़कर अपनी शिव भक्ति को और मजबूत करें और महादेव की असीम कृपा को अनुभव करें। ????????✨

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile