भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू भजन लिरिक्स

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू भजन हमें महादेव के उस अनोखे रूप का दर्शन कराता है, जिसमें वे अपनी मस्ती में लीन होकर डमरू बजाते हैं। शिव जी का डमरू केवल एक वाद्य यंत्र नहीं, बल्कि सृष्टि की ध्वनि और ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रतीक है। जब भोलेनाथ अपने डमरू को झनकारते हैं, तब हर दिशा में उनकी महिमा गूंज उठती है। आइए, इस भजन के माध्यम से महादेव की महिमा का गुणगान करें।

Bhole Baba Ne Yu Hi Bajaye Damaru

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।1।

यहाँ ब्रह्मा चले वहाँ विष्णु चले,
माँ लक्ष्मी का मन भी मगन हो गया,
भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।2।

यहाँ सूरज चले वहाँ चंदा चले,
वहाँ तारो का मन भी मगन हो गया,
भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।3।

यहाँ राम चले सीता लक्ष्मण चले,
वहाँ हनुमत का मन भी मगन हो गया,
भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।4।

यहाँ कृष्ण चले वहाँ राधा चले,
वहाँ मीरा का मन भी मगन हो गया,
भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।5।

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।6।

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू भजन हमें यह अनुभव कराता है कि शिव जी का डमरू केवल एक ध्वनि नहीं, बल्कि जगत का नाद और आत्मा की मुक्ति का संदेश है। जो भी शिव के इस अलौकिक स्वरूप का ध्यान करता है, उसके जीवन से हर प्रकार का भय और अज्ञान दूर हो जाता है। अगर यह भजन आपको अच्छा लगा, तो भोला तेरा डम डम डमरू बाजे, भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है, डमरू बजा रहे भोले, और कलयुग में फिर से आजा डमरू बजाने वाले भी करें। इन भजनों को पढ़कर आपकी शिव भक्ति और प्रगाढ़ होगी और महादेव की कृपा सदैव बनी रहेगी। ????????✨

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