गौरा तो जाएगी भोले शंकर के साथ लिरिक्स

गौरा तो जाएगी भोले शंकर के साथ भजन माता पार्वती और भगवान शिव के दिव्य मिलन की कथा को संजोए हुए है। यह भजन हमें उस पावन प्रेम की याद दिलाता है, जो भक्ति, तपस्या और अटूट समर्पण पर आधारित है। माता गौरा ने अनगिनत कठिनाइयों को सहकर, वर्षों की तपस्या के बाद अपने प्रिय महादेव को पति रूप में प्राप्त किया। यह भजन हमें शिव-शक्ति के अद्भुत संगम का आभास कराता है और हमें उनकी भक्ति में डूबने के लिए प्रेरित करता है।

Gaura To Jayegi Bhole Shankar Ke Sath

पिता हिमाचल राजा सुननो,
जिद छोड़ दो मान लो बात,
गौरा तो जाएगी,
भोले शंकर के साथ।1।

भूत प्रेत सारे आए बारात में,
शुक्र शनिचर भी आए है साथ में,
नगर निवासी थर थर कांपे,
कहे कैसी है बारात,
गौरा तो जायेगी,
भोले शंकर के साथ।2।

सखियों ने देखा दूल्हा,
गौरा को जाके बताया,
गौरा तेरी किस्मत फूटी,
कैसा वर तूने पाया,
गजब बाराती शेर और हाथी,
नंदी पर बैठे नाथ,
गौरा तो जायेगी,
भोले शंकर के साथ।3।

तन पर है भस्म रमाए,
नंदी की सवारी है,
गौरा को ब्याहने आए,
भोले भंडारी है,
राजा हिमाचल माँ मैना देखे,
कहे अच्छे नहीं हालात,
गौरा ना भेजेंगे,
बूढ़े शंकर के साथ,
गौरा तो जायेगी,
भोले शंकर के साथ।4।

बोली गौरा शंकर से,
मेरी हो गई बदनामी,
अब अपने असली रूप में,
आ जाओ मेरे स्वामी,
रूप देख के शिव शंकर का,
नारद महिमा गाए शिव की,
कहे नाथों के है नाथ,
गौरा तो जायेगी,
भोले शंकर के साथ।5।

पिता हिमाचल राजा सुननो,
जिद छोड़ दो मान लो बात,
गौरा तो जाएगी,
भोले शंकर के साथ।6।

गौरा तो जाएगी भोले शंकर के साथ भजन शिव-पार्वती के दिव्य प्रेम को दर्शाता है, जो हमें सिखाता है कि सच्चा प्रेम तपस्या, भक्ति और धैर्य से प्राप्त होता है। महादेव और माता पार्वती का संगम केवल एक विवाह नहीं, बल्कि ब्रह्मांड के संतुलन का प्रतीक है। उनकी कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक शांति का संचार होता है। यदि आपको यह भजन पसंद आया, तो महाकाल की बारात में, भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है, शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा, और भोले के दरबार से खाली नहीं जाएंगे भी करें। इन भजनों को पढ़कर शिव-पार्वती की महिमा का सच्चा आनंद मिलेगा और महादेव की कृपा सदा बनी रहेगी। 🚩🙏✨

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