अब शिव मंत्र हिंदी में भी उपलब्ध है जी शिव की उपासना और आराधना में एक अच्छा और सरल साधन हो सकता है। हिन्दू धर्म में भगवान शिव को संहारक, पुनर्निर्माण और परिवर्तन के देवता माना गया है। Shiv Mantra In Hindi में होने के कारण इसका जाप करना सभी के लिए आसान हो सकता है। इसका जप करने से मानसिक शांति, आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है।
इन मंत्रों का अर्थ केवल शब्दों में सीमित नहीं होता, बल्कि यह हमारे जीवन को दिशा देने और हमें आंतरिक रूप से मजबूत बनाने का माध्यम भी बनता है। आप इन मंत्रो का जाप करें और इनकी शक्ति का अहसास करें। यहां हमने आपके लिए सम्पूर्ण मंत्र को हिंदी में उपलब्ध कराया है जो इस प्रकार से है –
मंत्र
ॐ शिवाय नम:..
ॐ सर्वात्मने नम:…
ॐ त्रिनेत्राय नम:…
ॐ हराय नम:…
ॐ इन्द्रमुखाय नम:…
ॐ श्रीकंठाय नम:…
ॐ वामदेवाय नम:…
ॐ तत्पुरुषाय नम:…
ॐ ईशानाय नम:…
ॐ अनंतधर्माय नम:…
ॐ ज्ञानभूताय नम:…
ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:…
ॐ प्रधानाय नम:…
ॐ व्योमात्मने नम:…
ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:…
शिव मंत्र हिंदी में है आप इस मंत्र को संस्कृत मे भी प्राप्त कर सकते है। इसके अलावा आप शिव की भक्ति और ध्यान से जुड़े अन्य मंत्र जैसे शिव गायत्री मंत्र, शिव ध्यान मंत्र, शिव शाबर मंत्र का जाप भी कर सकते है।
Shiv Mantra In Hindi जाप विधि
भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और उनकी भक्ति से जीवन में शांति, सुख और सफलता पाने के लिए शिव मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है। शिव मंत्र जाप विधि निम्नलिखित है:
- स्नान: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें यह पूजा की पवित्रता के लिए आवश्यक है।
- स्थान: सुबह के समय किसी शांत, स्वच्छ और पवित्र स्थान पर शिव पूजा और जाप करें। पूजा स्थल पर भगवान शिव का चित्र, शिवलिंग या शिव प्रतीक रखें।
- आरंभिक पूजा: इसके बाद मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती प्रज्वलित करें। भगवान शिव को जल, दूध, दही, शहद, गंगाजल और पुष्प चढ़ाएं। बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं, क्योंकि यह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
- मंत्र जाप: अब शिव जी के मंत्रों का जाप करें। मंत्रो के जाप के लिए आप रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें। माला को अपने दाहिने हाथ में रखें और जाप करते समय अंगूठे का उपयोग न करें।
- जाप संख्या: कम से कम 108 बार मंत्र का जाप करें। जाप संख्या अधिक हो तो और उत्तम होता है।
- ध्यान: जाप के बाद कुछ समय तक भगवान शिव का ध्यान करें। अपनी इच्छाओं और कृतज्ञता को भगवान शिव के चरणों में समर्पित करें।
- आरती और प्रसाद: पूजा के अंत में ॐ जय शिव ओमकारा आरती गाएं और आरती के बाद वहाँ उपस्थित लोगो में प्रसाद वितरित करें और शिव को धन्यवाद दें।
- अनुशासन: जाप विधि में नियमितता और श्रद्धा बनाए रखें। सावन और सोमवार का दिन विशेष रूप से शिव पूजा और मंत्र जाप के लिए शुभ माना जाता है।
मंत्र जाप के लाभ
भगवान शिव की उपासना और मंत्र जाप से भक्त को अद्भुत आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं। ये लाभ इस प्रकार हैं-
- मानसिक शांति: शिव मंत्र जाप से मन शांत होता है, तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: शिव की भक्ति से साधक की आत्मा जागृत होती है और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।
- स्वास्थ्य लाभ: महामृत्युंजय मंत्र के जाप से गंभीर बीमारियों से राहत मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- समृद्धि: शिव कृपा से जीवन में धन, सुख और समृद्धि का आगमन होता है, जिससे सभी प्रकार की आर्थिक समस्या दूर होती है।
- पारिवारिक संबंध: शिव भक्ति से परिवार में शांति और प्रेम का वातावरण बनता है। इनकी आराधना से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है।
- संतान प्राप्ति: जिन दंपतियों को संतान की इच्छा है, वे शिव आराधना से इच्छित फल प्राप्त कर सकते हैं।
- नकारात्मक ऊर्जा: मंत्र जाप से घर और मन पर किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त होता है।
- मोक्ष प्राप्ति: शिव आराधना से मोक्ष, अर्थात जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त होती है।
- भय का नाश: शिव मंत्र से भय, असुरक्षा और संशय का नाश होता है, जिससे व्यक्ति भयमुक्त होता है।
FAQ
इन मंत्रो का ध्यान साधना में क्या योगदान है ?
शिव मंत्रों का ध्यान साधना से गहरा जुड़ाव है, जो हमारे जीवन में संतुलन, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।
शिव का प्रसिद्ध मंत्र क्या है ?
“ॐ नमः शिवाय” शिव का सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र का नियमित जप मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने का कार्य करता है।
मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए ?
मंत्र का जाप 108 बार करने की सलाह दी जाती है। आप अपनी सुविधा के लिए 108 मोतियों वाली माला के साथ भी मंत्र का जाप कर सकते है।
मंत्र का जाप करने के लिए सबसे उचित समय कोण सा है ?
सुबह सूर्योदय से पहले का समय मंत्र जाप के लिए सबसे उचित समय माना जाता है।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.