नन्द लाला प्रगट भये आज बिरज में लड्डूवा बटें

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि भक्तों के हृदय में उमड़ने वाला एक दिव्य उत्सव है। नंदलाला प्रगट भए, आज बिरज में लड्डूवा बटें भजन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के आनंद और उल्लास को प्रकट करता है, जब सारा ब्रज श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाने में मग्न होता है। गोकुल में आनंद की लहर दौड़ जाती है, नंद बाबा के आंगन में खुशियों की बौछार होती है, और भक्त प्रेमपूर्वक भजन-कीर्तन कर अपने आराध्य का स्वागत करते हैं। आइए, इस भजन को पढ़ें और श्रीकृष्ण जन्म की उस पावन घड़ी का अनुभव करें।

Nandlala Pragat Bhaye Aaj Biraj Me Ladduva Bate Lyrics

नन्द लाला प्रगट भये आज,
बिरज में लड्डूवा बटें,
लड्डूवा बटें री पेड़ा बटें,
लड्डूवा बटें री पेड़ा बटें,
गोपाला प्रगट भए आज,
बिरज में लड्डूवा बटें।।1।।

केसर कस्तूरी की भर दो तलैया,
केसर कस्तूरी की भर दो तलैया,
भर दो तलैया हाँ भर दो तलैया,
मोहरो की करो बरसात,
बिरज में लड्डूवा बटें,
नन्दलाला प्रगट भये आज,
बिरज में लड्डूवा बटें।।2।।

सौ मन दूध की खीर बनाओ,
सौ मन दूध की खीर बनाओ,
खीर बनाओ वामे मेवा मिलावो,
साधू ब्राह्मण जिमावो हजार,
बिरज में लड्डूवा बटें,
नन्दलाला प्रगट भये आज,
बिरज में लड्डूवा बटें।।3।।

भर भर थाली सखियाँ लाई,
भर भर थाली सखियाँ लाई,
यशोदा जी को देन बधाई,
होवे लाला की जय जयकार,
बिरज में लड्डूवा बटें,
नन्दलाला प्रगट भये आज,
बिरज में लड्डूवा बटें।।4।।

नन्द लाला प्रगट भये आज,
बिरज में लड्डूवा बटें,
लड्डूवा बटें री पेड़ा बटें,
लड्डूवा बटें री पेड़ा बटें,
गोपाला प्रगट भए आज,
बिरज में लड्डूवा बटें।।5।।

भगवान श्रीकृष्ण का अवतार भक्तों के कल्याण और धर्म की स्थापना के लिए हुआ। उनके जन्मोत्सव का उल्लास हर युग में उतना ही पावन और आनंददायक है। इसी भक्तिरस से ओतप्रोत भक्ति-भाव को कान्हा तेरी बंसी पागल कर जाती है, यशोदा का नंदलाला, नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्रीकृष्ण जन्म के आनंद में मग्न होकर अपने मन को भक्तिमय करें। जय श्रीकृष्ण! 🙏💛

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