दास तेरे है गजानन ध्यान धरते है भजन लिरिक्स

भगवान श्री गणेश जी की भक्ति में जो भी अपना मन लगाता है, उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं। वे अपने भक्तों की हर प्रार्थना को सुनते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं। भजन दास तेरे है गजानन ध्यान धरते हैं में भक्त की गहरी श्रद्धा और समर्पण का भाव प्रकट होता है। आइए, इस भक्तिमय रचना के माध्यम से हम भी भगवान गणेश जी की वंदना करें और उनके श्रीचरणों में अपना ध्यान लगाएं।

Das Tere Hai Gajanan Dyan Dharate Hai

दास तेरे है गजानन,
ध्यान धरते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।1।

चार तेरी है भुजाये,
रूप मत वाला,
शिव सुवन गोरी के लाला,
भक्त रख वाला,
तेरी शक्ति का भी शिव,
मान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।2।

रिद्धि सिद्धि लाभ और शुभ,
साथ में लाना,
दास का अनुरोध दाता,
भूल मत जाना,
तेरी महिमा का सदा,
गुण गाण करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।3।

मेरे अंगना में पधारो,
है अरज मेरी,
गोरी नंदन जल्दी आओं,
ना करो देरी,
पुष्प चन्दन से तेरा,
सम्मान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।4।

बुद्धि के दाता हमें भी,
ज्ञान दे जाओ,
अपनी भक्ति का हमें,
वरदान दे जाओ,
नित तेरे नाम का,
रस पान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।5।

‘श्याम सुंदर’ दास तेरा,
इसको अपनाना,
हे गजानन ‘लख्खा’ भी,
तेरा है दीवाना,
कर दो बैडा पार,
क्यों हैरान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।6।

दास तेरे है गजानन,
ध्यान धरते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।7।

भगवान गणपति की भक्ति से मन को असीम शांति और सुख प्राप्त होता है। उनके चरणों में ध्यान लगाने से जीवन के समस्त विघ्न नष्ट हो जाते हैं। अगर आपको यह भजन प्रिय लगा, तो गणपति तुम सब गण के राजा पूरण करो हमारे काज, रिद्धि सिद्धि के दाता हो तुम गणपति, जय जय हो गणेश काटो हमरे कलेश और विघ्न विनाशक नाम है गणराज तुम्हारा जैसे अन्य गणेश जी के भजनों को भी पढ़ें। गणपति बप्पा मोरया!

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