गणपति अपने गाँव चले कैसे हमको चैन पड़े भजन लिरिक्स

गणपति बप्पा जब हमारे बीच विराजते हैं, तो वातावरण में भक्ति, उल्लास और आनंद की धारा बहने लगती है। लेकिन जब बप्पा अपने गृहनगर लौटने लगते हैं, तो भक्तों के हृदय में विरह और प्रेम की भावना उमड़ पड़ती है। गणपति अपने गाँव चले, कैसे हमको चैन पड़े भजन में भक्तों की यही भावना व्यक्त की गई है। यह भजन हमें गणपति बप्पा के प्रति हमारी अटूट श्रद्धा और स्नेह को दर्शाने का अवसर देता है। आइए, इस भावपूर्ण भजन का आनंद लें और अपने हृदय में गणपति की भक्ति को और प्रगाढ़ करें।

Ganpati Apne Gaav Chale Kaise Hamko Chain Pade

गणपति अपने गाँव चले,
कैसे हमको चैन पड़े।1।

गणपति बप्पा मोरया,
पूढच्या वर्षी लवकर या,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे।2।

गणपति अपने गाँव चले,
कैसे हमको चैन पड़े,
जिसने जो माँगा उसने वो पाया,
रस्ते पे है सब लोग खड़े,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे।3।

गणपति बप्पा दुख हरता,
दुख हरता भाई सुख करता,
किसी को कुछ वरदान दिया,
किसी को कोई ज्ञान दिया,
चले सभी को खुश करके,
खाली खाली झोलियों को भरके,
आएँगे साल के बाद इधर,
लोग करेंगे याद मगर,
थोड़े ही दिन रहे,
थोड़े दिनों में करके चले वो कम बड़े,
गणपति अपने गाँव चलें,
कैसे हमको चैन पड़े,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे।4।

दस दिन घर में आन रहे,
भक्तो के मेहमान रहे
सारे शहर में धूम मची,
जोश से जनता झूम उठी,
उनको प्यारे सब इंसान,
राजा रंक हैं एक समान,
सारे घर उनके घर है,
उनको एक बराबर है,
उँचे महल अमीरो के हो या,
हम ग़रीबन के झोपड़े,
गणपति अपने गाँव चलें,
कैसे हमको चैन पड़े,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे।5।

मस्त पवन ये पुरवाई,
मौजो की नैया लाई,
गणपति जी उस पार चले,
लेकर सबका प्यार चले,
सफल हुई सबकी पूजा,
ऐसा ना कोई बिन दूजा,
घटा गगन पर लहराई,
घड़ी विसर्जन की आई,
भूल चूक हो माफ़ हमारी,
हम सब हैं नादान बड़े,
गणपति अपने गाँव चलें,
कैसे हमको चैन पड़े,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे।6।

गणपति अपने गाँव चले,
कैसे हमको चैन पड़े,
जिसने जो माँगा उसने वो पाया,
रस्ते पे है सब लोग खड़े,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे।7।

गणपति बप्पा मोरया,
पूढच्या वर्षी लवकर या,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे,
मोरया रे, बप्पा मोरया रे।8।

गणपति बप्पा का विदा होना भक्तों के लिए एक भावनात्मक क्षण होता है, लेकिन उनकी कृपा और आशीर्वाद सदा हमारे साथ बने रहते हैं। गणपति अपने गाँव चले, कैसे हमको चैन पड़े भजन हमें यह सिखाता है कि बप्पा से हमारा प्रेम कभी कम नहीं होता, चाहे वे साक्षात हमारे बीच हों या हृदय में विराजमान रहें। यदि यह भजन आपको भक्ति-भाव से भर गया, तो महाराज गजानन जी पधारो म्हारे कीर्तन में, जय गणपति वंदन गणनायक, बेगा सा पधारो जी सभा में म्हारे आओ गणराज और गजानंद कृपा बरसा दे श्री गणेश वंदना जैसे अन्य भजनों को भी जरूर पढ़ें। गणपति बप्पा मोरया! अगले बरस तू जल्दी आ!

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