माझे माहेर पंढरी आहे भिवरेच्या तीरी

माझे माहेर पंढरी आहे भिवरेच्या तीरी भजन श्रीविठोबा की भक्ति का प्रतीक है, जो भक्तों के हृदय में दिव्यता और श्रद्धा का संचार करता है। यह भजन पंढरपूर के पुण्य स्थान की महिमा का वर्णन करता है, जहाँ भक्तों का मन भगवान श्रीविठोबा के दर्शन और उनकी भक्ति में समाहित होता है। आइए, इस भजन के माध्यम से भगवान श्रीविठोबा की भक्ति में डूबें और उनकी कृपा का अनुभव करें।

Majhe Maaher Pandri Aahe Bhivrechya Teeri

माझे माहेर पंढरी, आहे भिवरेच्या तीरी |

बाप आणि आई, माझी विठठल रखुमाई |

पुंडलीक राहे बंधू, त्याची ख्याती काय सांगू |

माझी बहीण चंद्रभागा, करीतसे पापभंगा |

एका जनार्दनी शरण, करी माहेरची आठवण |

माझे माहेर पंढरी आहे भिवरेच्या तीरी भजन हमें पंढरपूर के पवित्र स्थान की याद दिलाता है और श्रीविठोबा के प्रति हमारी श्रद्धा को और बढ़ाता है। जब हम पूरी श्रद्धा से भगवान विठोबा का नाम लेते हैं, तो उनका आशीर्वाद हमारे जीवन में अपार सुख और शांति लाता है। यदि यह भजन आपके हृदय को भक्ति से भर देता है, तो पंढरीनाथ जय, विठोबा विठोबा, श्री हरिविठोबा, और नमो नमो श्रीविठोबा जैसे अन्य विठोबा भजनों को भी पढ़ें और करें, जिससे आपकी भक्ति और गहरी हो सके। 🙏✨

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