धरो सर पे हाथ भजन हमें भगवान श्री कृष्ण की अनंत कृपा और आशीर्वाद की याद दिलाता है। इस भजन में भक्त भगवान से अपने जीवन को सुरक्षित और संतुष्ट रखने की प्रार्थना करता है। “धरो सर पे हाथ” का मतलब है कि हम भगवान के संरक्षण में आकर अपने जीवन के सभी संकटों से मुक्ति पा सकते हैं। इस भजन के माध्यम से, भक्त अपने विश्वास को प्रकट करता है कि भगवान का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ है।
Dhro Sar Pe Haath
बैकुंठ नाथ धरो सर पे हाथ,
हो जाए कृपा जो थारी,
हे निकुंज निरंजन दीजो आशीर्वाद,
आया शरण मैं तुम्हारी,
पग पग राह कठिन है
मन मेरा दूषित मलिन है
जीवन नीरस लगने लगा भारी
हो जाए कृपा जो थारी,
आया शरण मैं तुम्हारी,
मन से मेरे विकार मिटादो
प्रभु जी अंधकार हटा दो
सच्ची मुझको राह दिखा दो
चरण शरण में ले लो भगवन
जाऊँ मैं वारी बलिहारी
हो जाए कृपा जो थारी
आया शरण मैं तुम्हारी
धरो सर पे हाथ भजन हमें यह सिखाता है कि जब हम भगवान की शरण में आते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, तो वे हमारे जीवन के हर पहलू को सकारात्मक रूप से बदल देते हैं। भगवान की कृपा से ही हम सच्ची शांति और सफलता पा सकते हैं। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। जय माँ View Profile