नारायण धुन-श्रीमन नारायण नारायण

नारायण धुन – श्रीमन नारायण नारायण भजन भगवान श्री विष्णु के दिव्य नाम का जप और उनके अद्वितीय स्वरूप की महिमा का गुणगान करता है। यह भजन हमें भगवान के नाम का निरंतर जाप करने की प्रेरणा देता है, क्योंकि भगवान श्री विष्णु का नाम ही हमें मानसिक शांति, सुख, और मोक्ष की ओर मार्गदर्शन करता है। इस भजन में “श्रीमन नारायण नारायण” का उचारण विशेष रूप से आत्मा को शुद्ध करने वाला और परमात्मा से जुड़ने का एक अमूल्य साधन है।

Narayan Dhun Shriman Narayan Narayan

श्रीमन नारायण नारायण नारायण

लख चौरासी, भोग के तूने, यह मानव तन पाया ll
रहा भटकता, माया में तूने, कभी न हरि गुण गाया,
भज ले, नारायण नारायण नारायण

वेद पुराण, भागवत गीता, आत्म ज्ञान सिखाए
रामायण जो, पढ़े हमेशा, राम ही राह दिखाए,
भज ले, नारायण नारायण नारायण

गज़ और ग्राह, लड़े जल भीतर, लड़त लड़त गज़ हारा
प्राणो पर जब, आन पड़ी तो, प्रेम से तुझे पुकारा,
भज ले, नारायण नारायण नारायण

कोई नहीं है, जग में तेरा, तूँ काहे भरमाए
प्रभु की शरण में, आजा बंदे, वही पार लगाए,
भज ले, नारायण नारायण नारायण
श्रीमन नारायण नारायण नारायण
श्रीमन नारायण नारायण नारायण

नारायण धुन – श्रीमन नारायण नारायण भजन हमें भगवान श्री विष्णु के दिव्य नाम के महत्व को समझाता है। इस भजन का निरंतर जप हमारे जीवन में शांति, समृद्धि और दिव्यता लाता है। भगवान श्री विष्णु का नाम हमारे दिलों को शुद्ध करता है और हमें हर प्रकार के संकट से उबारता है। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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