गुरु देव जी के गीत वीरता, स्वाभिमान और मातृभूमि के प्रति अटूट प्रेम का संदेश देते हैं। रक्त शिराओं में राणा का रह-रह आज हिलोरे लेता गीत हमें महान योद्धा महाराणा प्रताप की शौर्यगाथा का स्मरण कराता है। यह गीत हर भारतीय के भीतर वीरता, साहस और राष्ट्र के प्रति बलिदान की भावना को जागृत करता है, जिससे हृदय मातृभूमि के सम्मान के लिए समर्पित हो जाता है।
Rakt Shiraon Me Rana Ka Rah Rah Aaj Hilore Leta
रक्त शिराओं में राणा का,
रह रह आज हिलोरे लेता,
मातृभूमि का कण कण तृण तृण,
हमको आज निमंत्रण देता।।1।।
वीर प्रसुता भारत माँ की,
हम सब हिन्दु है संताने,
हर विपदा जो माँ पर आती,
सहते हैं हम सीना ताने।
युग युग की नीद्रा को तज कर,
युग युग की नीद्रा को तज कर,
फिर से अपना गौरव चेता,
मातृभूमि का कण कण तृण तृण,
हमको आज निमंत्रण देता।।2।।
यह वह भूमि जहाँ पर नित नित,
लगता बलिदानों का मेला,
इस धरती के पुत्रो ने ही,
हस हस महा मृत्यु को झेला।
हमको डिगा न पाया कोई,
हमके डिगा न पाया कोई,
अगनित आये विश्व विजेता,
मातृभूमि का कण कण तृण तृण,
हमको आज निमंत्रण देता।।3।।
आज पुनः आकांत हुई है,
देव भूमि कश्मीर हमारी,
उठो चुनौती को स्वीकारे,
युवकों आज हमारी बारी।
सीमाओं पर हरी दल देखो,
सीमाओं पर हरी दल देखो,
हमको पुनः चुनौती देता,
मातृभूमि का कण कण तृण तृण,
हमको आज निमंत्रण देता।।4।।
कही न फिर हमसे छिन जाये,
देव भूमि कश्मीर हमारी,
समय आ गया खींचो वीरो,
पोशो से अब खडक दुदारी,
मिटा विश्व से इन दुष्टों को,
मिटा विश्व से इन दुष्टों को,
बने जगत के अतुल विजेता,
मातृभूमि का कण कण तृण तृण,
हमको आज निमंत्रण देता।।5।।
रक्त शिराओं में राणा का,
रह रह आज हिलोरे लेता,
मातृभूमि का कण कण तृण तृण,
हमको आज निमंत्रण देता।।6।।
गुरु देव जी के गीत हमें यह सिखाते हैं कि त्याग और शौर्य ही सच्ची भक्ति है। रक्त शिराओं में राणा का रह-रह आज हिलोरे लेता गीत मातृभूमि के लिए बलिदान की प्रेरणा देता है और हमें हमारे गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता है। यदि यह गीत आपको वीरता से भर देता है, तो Sarhad Tujhe Pranam – Deshbhakti Geet, Manushya Tu Bada Mahan Hai Dharati Ki Shan Tu Hai, Hind Desh Ke Nivasi Sabhi Jan Ek Hai जैसे अन्य गीतों को भी पढ़ें और अपने भीतर देशभक्ति की ज्योति जलाएं। 🙏🔥🇮🇳