श्री बृहस्पति कवच एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जिसका नियमित पाठ करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति को शांति व समृद्धि प्राप्त होती है। Shri Brihaspati Kavach गुरु ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक माना जाता है। यदि आप भी ग्रहों की शांति, आर्थिक स्थिरता और आध्यात्मिक प्रगति के लिए नीचे दिए गए इस मंत्र का जाप अवश्य करें-
Shri Brihaspati Kavach
अस्य श्रीबृहस्पतिकवचस्तोत्रमंत्रस्य ईश्वरऋषिः॥
अनुष्टुप् छंदः। गुरुर्देवता। गं बीजं श्रीशक्तिः॥
क्लीं कीलकम्।
गुरुपीडोपशमनार्थं जपे विनियोगः।
अभीष्टफलदं देवं सर्वज्ञम् सुर पूजितम्॥
अक्षमालाधरं शांतं प्रणमामि बृहस्पतिम्,
बृहस्पतिः शिरः पातु ललाटं पातु मे गुरुः।
कर्णौ सुरगुरुः पातु नेत्रे मे अभीष्ठदायकः,
जिह्वां पातु सुराचार्यो नासां मे वेदपारगः।
मुखं मे पातु सर्वज्ञो कंठं मे देवतागुरुः,
भुजावांगिरसः पातु करौ पातु शुभप्रदः।
स्तनौ मे पातु वागीशः कुक्षिं मे शुभलक्षणः,
नाभिं केवगुरुः पातु मध्यं पातु सुखप्रदः।
कटिं पातु जगवंद्य ऊरू मे पातु वाक्पतिः,
जानुजंघे सुराचार्यो पादौ विश्वात्मकस्तथा।
अन्यानि यानि चांगानि रक्षेन्मे सर्वतो गुरुः,
इत्येतत्कवचं दिव्यं त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः।
सर्वान्कामानवाप्नोति सर्वत्र विजयी भवेत्,
॥ इति श्रीब्र्ह्मयामलोक्तं बृहस्पति कवच संपूर्णम् ॥

Shri Brihaspati Kavach का नियमित पाठ जीवन में स्थिरता, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यदि आप अपनी बुद्धि को प्रखर बनाना चाहते हैं, शिक्षा में सफलता चाहते हैं, तो बृहस्पति बीज मंत्र, बृहस्पति गायत्री मंत्र, और गुरु ग्रह शांति मंत्र के साथ इसका जाप अवश्य करें। इससे आपको देवगुरु बृहस्पति की विशेष कृपा प्राप्त होगी और आपका जीवन मंगलमय बनेगा।
बृहस्पति देव के कवच का पाठ करने की विधि
इसका पाठ करने से गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में ज्ञान, समृद्धि और सफलता का संचार होता है। इसके पाठ करने की सामान्य विधि इस प्रकार है-
- शुद्धता: प्रातः स्नान करके साफ पीले कपड़ें पहने ।
- स्थान: पाठ करने के लिए एक पवित्र, शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें और पूजा स्थल को गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्ध करें।
- पूजा सामग्री: पीले फूल, चंदन, घी का दीपक, और बृहस्पति देव का चित्र या यंत्र रखें।
- संकल्प लें: मन में श्रद्धा रखते हुए बृहस्पति देव से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
- पाठ: श्री बृहस्पति कवच का शांत चित्त होकर श्रद्धा के साथ पाठ करें। पाठ के समय अपने मन को पाठ के अर्थ को समझने में लगाइये। यदि संभव हो, तो एक ही समय और स्थान पर पाठ करने का नियम बनाएं।
- समर्पण: पाठ के बाद प्रसाद चढ़ाएं और बृहस्पति देव से कृपा की प्रार्थना करें।
- दान: गुरुवार के दिन पीले वस्त्र, चने की दाल, या केले का दान करें।
नियमित रूप से बृहस्पति कवच का पाठ करने से गुरु ग्रह की बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति को ज्ञान, आत्मविश्वास, और सफलता प्राप्त होती है।
FAQ
इस बृहस्पति कवच का पाठ कब करना चाहिए?
इसे गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के समय करना सबसे शुभ माना जाता है।
क्या कवच का पाठ रोज़ कर सकते हैं?
हां, इसे नियमित रूप से करने से अधिक लाभ मिलता है, लेकिन गुरुवार को विशेष रूप से करना शुभ होता है।
क्या इसे पढ़ते समय किसी विशेष रंग के वस्त्र पहनने चाहिए?
पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
बृहस्पति देव के कवच का पाठ करने के दौरान कौन सा आसन उपयुक्त है?
कुश या ऊनी आसन पर बैठकर इसका पाठ करना शुभ माना जाता है।
क्या बृहस्पति कवच नौकरी और व्यवसाय में सफलता दिला सकता है?
हां, यह करियर और व्यापार में उन्नति के लिए बहुत प्रभावी होता है।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩